उत्तराखंड

कोरोना काल के बाद मूर्तिकारों में जागी कमाई की उम्मीद

Rani Sahu
20 Aug 2022 9:49 AM GMT
कोरोना काल के बाद मूर्तिकारों में जागी कमाई की उम्मीद
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कोरोना काल के बाद इस बार मूर्तिकारों के चेहरे खिल उठे है। उन्हें उम्मीद से ज्यादा आर्डर मिल रहे हैं
हल्द्वानी, कोरोना काल के बाद इस बार मूर्तिकारों के चेहरे खिल उठे है। उन्हें उम्मीद से ज्यादा आर्डर मिल रहे हैं। इस बार गाइडलाइन नहीं होने के कारण शहर सहित ग्रामीण इलाकों में गणेश जी की प्रतिमा विराजित की जाएगी।
यही कारण है कि मूर्तिकारों को अधिक कमाई की उम्मीद है। इसलिए मूर्ती निर्माण में उनका परिवार भी जुटा हुआ है। सभी मूर्तिकारों के घरों में प्रतिमा निर्माण कार्य जारी है।
सुशीला तिवारी निवासी देवव्रत शर्मा मूर्ती का व्यापार करते हैं। पिछले 12 सालों से वह यह काम कर रहे हैं। पांच लोगों से भरे-पूरे परिवार में वह एकमात्र कमाई करने वाले व्यक्ति हैं। उनका कहना है कि पिछले दो सालों से कोरोना संक्रमण के चलते मूर्तिकारों को प्रति वर्ष मिलने वाला आर्डर आधे से भी कम हो गया था।
जिससे मूर्तिकार की आर्थिक स्थिति पर इसका असर पड़ा था। लेकिन पिछले वर्ष से कोरोना संक्रमण के कमजोर होने के बाद से गणेश चतुर्थी पर प्रतिमा निर्माण की मांग बढ़ले लगी है। ऐसे में उम्मीद है कि व्यापारियों द्वारा बड़ी संख्या में मूर्ती की मांग की जाएगी। गणेश चतुर्थी आगामी 31 अगस्त को है। इससे पूर्व प्रतिमा को अंतिम रुप देने में मूर्तिकार परिवार समेत जुटे हैं।
महंगाई के कारण प्रतिमा की कीमत 25 फीसदी तक बढ़ी
मूर्तिकारों ने बताया कि इस बार मिट्टी के अलावा रंग-रोगन और लकड़ी के दाम में इजाफा हुआ है। प्रतिमा के दामों पर इसका असर देखने को मिलेगा। जो दो फीट तक की प्रतिमा पहले दो सौ रुपए तक मिलती थी उनकी कीमत में 50 रुपए की वृद्धि की गई है। बड़ी प्रतिमाओं के दाम में भी 5 सौ से 1 हजार रुपए तक की वृद्धि की गई है। छोटी मूर्ती लगभग 100 रुपए से शुरू होकर 3000 हजार तक कीमत में बिक रही है।

अमृत विचार।

Rani Sahu

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