अपनी बेटी की मौत से टूट चुके अंकिता के माता-पिता उस दर्द से गुजर रहे हैं जब उन्होंने उस बेटी को खो दिया जिसे बड़े नाजों से पाला था. अपनी बेटी की हत्या के आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा की मांग करते हुए अंकिता की मां सोनी देवी ने सोमवार को कहा कि उनके साथ बड़ा अन्याय हुआ है. उन्हें यह पीड़ा उन्हें उम्रभर सताएगी कि उन्हें उनकी बेटी का आखिरी बार चेहरा भी देखना नसीब नहीं हुआ.
सरकार पर लगाया आरोप: अंकिता की मां सोनी देवी ने आरोप लगाते हुए कहा कि रात को अंतिम संस्कार करने की क्या जरूरत थी. जब इतनी देर रुक गए थे तो एक दिन और रुक जाते तो क्या फर्क पड़ता. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा गुनाह तो सरकार ने किया है कि मुझे अपनी बेटी का चेहरा भी नहीं देखने दिया.
बयां किया दिल का दर्द: श्रीकोट गांव में रोते हुए सोनी देवी ने कहा कि एक मां के साथ सबसे बड़ा अन्याय क्या हो सकता है कि वह आखिरी बार अपनी बेटी का चेहरा भी नहीं देख पाई. सोनी देवी ने बताया कि उन्हें अस्पताल में रखा गया था और बेटी के अंतिम संस्कार की बात उन्हें तब पता चली जब उन्हें घाट चलने के लिए कहा गया. उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले ही कह दिया था कि अंतिम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने तक अंतिम संस्कार न किया जाए लेकिन सरकार ने जबरन अंतिम संस्कार कर दिया.
आरोपियों को दी जाए फांसी की सजा: सोनी देवी ने बेटी की हत्या के आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग करते हुए कहा कि उन्हें अपने बेटे की सुरक्षा की भी चिंता है क्योंकि आरोपी रसूखदार लोग हैं. सोनी देवी ने कहा, ''आरोपियों को जिंदा रहने का हक नहीं है और जघन्य अपराध करने वालों को जिंदा जला दिया जाना चाहिए.
पौड़ी जिले के यमकेश्वर में गंगा भोगपुर स्थित वनतारा रिजॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करने वाली 19 वर्षीया अंकिता की कथित तौर पर रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों के साथ मिलकर ऋषिकेश की चीला नहर में फेंककर हत्या कर दी थी. अंकिता का शनिवार को चीला नहर से शव बरामद किया गया था और रविवार शाम अलकनंदा के तट पर श्रीनगर में उसका अंतिम संस्कार किया गया था.
न्यूज़ क्रेडिट: prabhatkhabar