
शिक्षा मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार हर जरूरतमंद छात्र के लिए हमेशा तत्पर रहती है। पहले देहरादून में सुपर-30 योजना चलाई, जिसमें निशुल्क कोचिंग लेने वाले सभी 30 गरीब मेधावियों को आईआईटी में दाखिला मिला।
उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि गरीब मेधावी बच्चों के लिए सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हैं। फिर चाहे वह सुपर-50 हो या अन्य परीक्षाओं में पास होने वाले युवाओं को मिलने वाला प्रोत्साहन। उन्होंने मेधावियों से जीवन में आगे बढ़ने का आह्वान किया।
शुक्रवार को अमर उजाला के मेधावी छात्र सम्मान समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि पहुंचे शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सभी मेधावियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में प्रदेश के आठवीं तक के करीब पांच लाख बच्चे अक्षय पात्र सेंट्रल किचन के माध्यम से मिड-डे-मील का भोजन लेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार हर जरूरतमंद छात्र के लिए हमेशा तत्पर रहती है। पहले देहरादून में सुपर-30 योजना चलाई, जिसमें निशुल्क कोचिंग लेने वाले सभी 30 गरीब मेधावियों को आईआईटी में दाखिला मिला।
इसके बाद प्रदेश में देहरादून, श्रीनगर और द्वाराहाट में सुपर-50 के तहत 150 मेधावियों को निशुल्क कोचिंग दी जा रही है। उन्होंने बताया कि इन 150 में से 142 छात्रों को आईआईटी और एनआईटी में दाखिला मिला था। अगर कोई छात्र एनडीए, सिविल सेवा, पीसीएस जैसी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है और उसने पहला पड़ाव पास कर लिया है तो सरकार उन छात्रों को 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देती है। उन्होंने कहा कि अगर कोई बच्चा गरीब है, टॉपर है और उसे किसी भी तरह की परेशानी है, तो वह सीधे उनसे या फिर मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचा सकता है। सरकार आगे बढ़ने में उसकी पूरी मदद को हमेशा तैयार है।
आज भी सबसे पहले अमर उजाला पढ़ता हूं...
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि जब उन्होंने अखबार पढ़ना शुरू किया तो वह अमर उजाला था। आज अमर उजाला उनके रूटीन का हिस्सा है। सुबह उठने के बाद सबसे पहले वह अमर उजाला अखबार ही पढ़ते हैं। सरकारी सिस्टम के अलावा अमर उजाला ही उन्हें बताता है कि उनके विभागों के क्या हालात हैं। क्या सरकारी स्कूलों तक किताबें पहुंची हैं। कहां स्वास्थ्य सेवाएं कैसी हैं। सरकारी सिस्टम के समानांतर अमर उजाला हर क्षेत्र में बारीकी से ध्यान रखता है।