
खटीमा। उत्तराखंड के खटीमा में 16 दिसंबर 2019 को चकरपुर पचौरिया नई बस्ती गांव के गोविंद प्रसाद के घर में कोहराम मच गया था। उसने कोतवाली में 28 दिन की बेटी प्रियांशी की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस ने बच्ची की खोजबीन शुरू की तो 12वें दिन बच्ची का शव लोहियाहेड पावर हाउस की जाली में उतराता मिला। जांच पड़ताल में मामले का खुलासा हुआ तो बच्ची के परिजनों के साथ ही पुलिस के भी पैरों तले जमीन खिसक गई। बच्ची को और किसी ने नहीं बल्कि उसी की मां ने मौत के घाट उतारा था। 28 दिन की मासूम प्रियांशी का कसूर सिर्फ इतना था कि वह एक लड़की थी और उसकी मां को पुत्री की जगह पुत्र चाहिए था और पुत्र मोह में उसकी मां ने अपनी ही बेटी को मौत के घाट उतार दिया और नहर में फेंक दिया। बेटे की चाहत में 28 दिन की बेटी को नहर में फेंककर जाने लेने के मामले में कोर्ट ने मां को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस मामले को छिपाने के आरोप में पिता को चार साल की सजा सुनाई गई है। मां को आठ हजार और पिता को तीन हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित भी किया गया है। आगे पढ़िए