उत्तराखंड

Rudrapur: खेत में मजदूरी कर गृहस्थी चलाने वालीं आशा आज अपने परिवार का संबल बनी

Admindelhi1
25 March 2025 10:14 AM GMT
Rudrapur: खेत में मजदूरी कर गृहस्थी चलाने वालीं आशा आज अपने परिवार का संबल बनी
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"आशा की आर्थिकी को महका रही गाय के गोबर से बनी धूपबत्ती"

रुद्रपुर: सितारगंज के नया सवेरा क्लस्टर ने ववनपुरी निवासी आशा देवी का जीवन बदल दिया है। खेत में मजदूरी कर गृहस्थी चलाने वालीं आशा आज अपने परिवार का संबल बन गई हैं। गाय के गोबर से धूपबत्ती बनाकर वह प्रतिमाह 18 से 20 हजार रुपये की बचत कर अपनी आर्थिकी को महका रही हैं।

सितारगंज की ग्राम पंचायत ववनपुरी की आशा देवी की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। वह खेत में मजदूरी कर अपनी आजीविका चला रही थी। ग्राम पंचायत में वित्तीय वर्ष 2015 में स्वयं सहायता समूह का गठन हुआ। आशा देवी नया सवेरा क्लस्टर जुड़ीं। समूह से जुड़ने के बाद उन्होंने गाय के गोबर से धूपबत्ती बनाने का प्रशिक्षण लिया। इसके बाद उन्होंने घर पर और घर के पास लगी यूनिट पर अन्य समूह की महिलाओं के साथ धूपबत्ती का निर्माण शुरू किया।

अच्छी नहीं थी शुरूआत: आशा बताती हैं शुरूआत में उन्होंने गांव-गांव जाकर धूपबत्ती बेची। शुरूआत में लोगों ने उनके उत्पाद पर अपेक्षा के अनुरूप दिलचस्पी नहीं दिखाई। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और लगातार कोशिश करती रहीं। धीरे-धीरे धूपबत्ती की डिमांड होने लगी। उन्होंने सरस मेला और तीर्थ स्थलों में जाकर भी अपना उत्पाद बेचा।

हर माह हो रहा 15 से 20 किलो उत्पादन : समूह से जुड़ीं 10 महिलाएं मिलकर धूपबत्ती का निर्माण करती हैं। इसके लिए वह अपने घरों में होने वाले गाय के गोबर का ही इस्तेमाल करती हैं। वर्तमान में महिलाएं प्रतिमाह 15 से 20 किलो धूपबत्ती बना रही हैं। 250 ग्राम धूपबत्ती की कीमत सौ रुपये है, जो बाजार में बिकने वाले इसी तरह के उत्पादों से 25 से 40 रुपये कम है। इससे आशा देवी को प्रतिमाह 18 से 20 हजार रुपये की बचत हो रही है।

एनआरएलएम के समूह की महिलाएं बहुत अच्छा काम कर रही हैं। आशा देवी सहित कई ऐसी महिलाएं हैं, जिनकी मेहनत आज रंग ला रही है। कोशिश की जा रही है कि इनके उत्पाद का वैश्वीकरण किया जाए। इसके लिए उत्पादों के पैकेट आदि को बाजार के मुताबिक बनाया जाएगा। - मनीष कुमार, सीडीओ।

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