उत्तराखंड

सिडकुल से सटी रो नदी बनी डंपिंग यार्ड, कई उद्योग खतरे की जद में

Admin Delhi 1
5 Jun 2023 9:25 AM GMT
सिडकुल से सटी रो नदी बनी डंपिंग यार्ड, कई उद्योग खतरे की जद में
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हरिद्वार न्यूज़: सिडकुल की सूखी रो नदी को डंपिंग यार्ड बना दिया गया है. बीते तीन सालों में रो नदी में बरसात के दौरान पानी ने नदी के साथ लगते उद्योगों को काफी नुकसान पहुंचाया था. उद्यमी इसका विरोध भी कई बार कर चुके है. कूड़े के बड़े बड़े ढेरों में आए दिन आग लगने से धूआं उठता रहता है. लेकिन नदी को डंपिंग यार्ड बनाने से नहीं रोका गया है.

सिडकुल की सूखी रो नदी में राजकीय पॉलिटेक्निक के पीछे शिवालिक नगरपालिका और ग्राम पंचायत रावली महदूद द्वारा टनों कूड़ा डाला जा रहा है. बड़े-बड़े कूड़े के ढेर कई कई दिनों तक सुलगते रहते हैं. इसमें अधिकांश पॉलिथीन होती है जिसके जलने से जहरीली हवा वातावरण को जहरीला बना रही है. राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान द्वारा जिला प्रशासन, नगर पालिका और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. उधर सिडकुल क्षेत्रीय प्रबंधक गिरधर सिंह रावत का कहना है कि कूड़ा निस्तारण के लिए एक छोटा सा भूमि का टुकड़ा एनजीओ को दे रखा है. भूमि के उस टुकड़े से बाहर कूड़े के ढेर कौन लगाता है. उन्हें भी इसकी जानकारी नहीं है. राजकीय पॉलिटेक्निक सिडकुल के प्रधानाचार्य अनिल कुमार का कहना कि कूड़ा करकट से बदबू और मक्खी मच्छरों से होने वाली बीमारियों को देखते हुए सिडकुल प्रशासन से डंप कूड़े को हटाने को पत्र लिखा है. स्कूल में दो सौ से ज्यादा बच्चों और शिक्षकों को तेज हवाओं में सांस लेने तक दिक्कत होती है. कूड़े पर प्रतिबंध लगाकर सराय स्थित कंपोस्टिंग प्लांट में शिफ्ट कराने की मांग की गई है.

सुखी नदी में बरसात का पानी रुका तो सीधा खतरा सिडकुल की उन इकाइयों को होगा. जो नदी से सटी हुई है. यही नही राजकीय पोलटेक्निक कॉलेज भी इसकी जद में है.

एनजीओ बना रही खाद खाद बनाने वाली एनजीओ के कर्मचारियों का कहना है कि यार्ड के बाहर पड़े तमाम कूड़े करकट में कौन आग लगाकर जाता है. इसका उनको भी पता नहीं है. कूड़ा जलने से काम कर रहे कर्मचारियों को भी सांस लेने में भारी परेशानी होती है. इस संबंध में शिवालिक नगर पालिका परिषद और सिडकुल क्षेत्रीय प्रबंधक को भी शिकायत की गई थी. कर्मचारियों ने कहा कि वह यहां पर केवल गीले-सूखे कचरे से खाद बनाते हैं.

राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में छात्रों का अध्ययन करना हुआ मुश्किल

शिवालिक नगर को कुछ जमीन कूड़ा करकट डालने के लिए मिली हुई है. उसमें कूड़ा डालते है. शिवालिक नगर के अलावा भेल और रावली महदूद समेत अन्य कई संस्थान भी वहां पर टनो में कूड़ा डाल रहे हैं.-राजीव शर्मा,अध्यक्ष, नगर पालिका शिवालिक नगर

मामले का सोशल मीडिया पर डाला गया वीडियो

आए दिन स्थानीय लोगों द्वारा सोशल मीडिया में भी यहां जलते कूड़े और धूएं से होने वाले नुकसान को लेकर फोटो और वीडियों वायरल की जाती रहती है. डंपिंग यार्ड से लगभग तीन सौ मीटर दूर आवासीय क्षेत्रों में जलती गंदगी का धुआं पहुंचता है. ऐसे में सांस लेना मुश्किल हो जाता है.

सूखी नदी में बड़े पैमाने पर कूड़ा करकट डंप किया गया है. वहां अक्सर धुआं निकलता रहता है. इंडस्ट्री के लिए यह एक बड़ा खतरा है. मौसम विभाग ने बरसात का अलर्ट जारी किया है. सूखी नदी मैं बरसात का पानी आने से निकासी नहीं होगी तो नदी से सटे फैक्ट्रियों को बड़े पैमाने पर नुकसान हो सकता है. जिला प्रशासन को इस संबंध में समुचित कदम उठाना चाहिए. -हिमेश कपूर,अध्यक्ष, सिडकुल एंटरप्रेन्योर

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