x
उत्तराखंड : दो दिन से हो रही मूसलादार बारिश ने ऋषिकेश में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। बारिश के कारण शहर में जगह-जगह जलभराव हो गया। आंतरिक सड़कों से लेकर मुख्य सड़कें तालाब सी नजर आईं। वहीं लगातार तीन से चार घंटे तक हुई बारिश के कारण चंद्रभागा नदी का जलस्तर भी बढ़ गया।
हालांकि नदी के किनारे खड़े रहते वाहनों को समय रहते दूसरी जगह पार्क कर दिया गया था। वहीं, बारिश के कारण पुरानी चुंगी से कोयलघाटी तक हाईवे जलमग्न रहा। अखंड आश्रम के पास बहाव इतना तेज था कि कई दोपहिया वाहन गिर गए। पानी में फंसकर कई वाहन बंद हो गए।
रविवार को हुई बारिश के बाद सोमवार सुबह हल्की धूप निकली, लेकिन दोपहर में अचानक मौसम ने करवट ली और मसूलादार बारिश शुरू हो गई। ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने से नाले भी उफना गए, इससे मुख्य मार्गों से लेकर आंतरिक मार्गों पर पानी भर गया।
हरिद्वार राजमार्ग, देहरादून रोड़, रेलवे रोड, घाट रोड़, दून तिराहा, तिलक रोड़, पुरानी चुंगी आदि सड़कें जलमग्न हो गईं। नालों में पानी के साथ बहकर आई गंदगी भी सड़क पर आ गई। मुनि की रेती, चौदहबीघा, ढालवाला, रायवाला, श्यामपुर, आईडीपीएल, लक्ष्मणझूला, स्वर्गाश्रम और तपोवन क्षेत्र में भी सड़कें तालाब बन गई।
नाले चोक होने से मुख्य बाजार में कई दुकानों में पानी भर गया। दुकान स्वामियों ने अपना सामान समेटकर पानी को निकालने की कोशिश की। दोपहर से लेकर रात तक हुई बारिश के कारण आवाजाही में भी खासी परेशानी हुई।
पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही तेज बारिश से चंद्रभागा नदी का जलस्तर बढ़ गया। इसके साथ ही गंगा नदी घाट और तटों को छूकर बहने लगी। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक शाम 5 बजे गंगा नदी चेतावनी रेखा 339.50 से मात्र 1.15 मीटर, यानि 338.35 मीटर पर बह रही है।
बारिश के कारण राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क अंतर्गत बैराज-चीला मोटर मार्ग स्थित बीन नदी का जलस्तर भी बढ़ गया। इससे लोगों को आवाजाही करने में परेशानी हुई। गौरतलब है कि बरसात के समय बीन नदी का जलस्तर बढ़ने से डांडामंडल के करीब डेढ़ दर्जन से अधिक गांवों को संपर्क ऋषिकेश मुख्य बाजार से टूट जाता है। कई दशकों से ग्रामीण बीन नदी पर पुल निर्माण की मांग कर रहे रहे हैं, लेकिन समस्या जस की तस है।
Next Story