सिविल वाहनों का आवागमन रोके जाने से एक बार फिर क्षेत्रीय ग्रामीणों में आक्रोश
रानीखेत न्यूज़: सेना द्वारा शार्ट रेंज से चौबटिया-रानीखेत जाने वाले मार्ग पर सिविल वाहनों का आवागमन रोके जाने से एक बार फिर क्षेत्रीय ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है। ग्रामीणों ने इस मामले में जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन देकर मार्ग सिविल वाहनों के लिए न खोले जाने की दशा में पूरी तरह अवऱद्ध कर देने की धमकी दी है। सोमवार को संयुक्त मजिस्ट्रेट के माध्यम से जिलाधिकारी को भेजे ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा है कि ग्राम कालनू, सिवाली, देहोली सहित अन्य ग्रामों का मुख्य बाजार रानीखेत है। रानीखेत में मुख्य चिकित्सालय होने से ग्रामीणों को बीमारी की स्थिति में यहां जाना पड़ता है। रानीखेत में माध्यमिक व उच्च शिक्षा केंद्र होने से ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को भी नियमित रानीखेत जाना होता है।
इतना ही नहीं, रोजमर्रा की जरूरी घरेलू वस्तुओं की खरीद के लिए भी ग्रामीण रानीखेत पर निर्भर हैं लेकिन चौबटिया स्थित सेना द्वारा शार्ट रेंज से चौबटिया जाने वाले रास्ते में ग्रामीणों के वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित कर ग्रामीणों को उनकी मूलभूत सुविधाओं और अधिकारों से वंचित कर दिया गया है। जिस कारण क्षेत्रीय ग्रामीणों में असंतोष पनपना लाजिमी है। कहा गया है कि सेना के प्रति असंतोष की भावना भविष्य के लिए गंभीर है। ज्ञापन में चेताया गया है कि अगर रात्रि वक्त किसी प्रसूता को इलाज के लिए वाहन द्वारा रानीखेत ले जाने से सेना द्वारा रोका गया तो अप्रिय स्थिति पैदा हो सकती है। सेना द्वारा बार-बार ग्रामीणों की मूलभूत सुविधाओं में खलल डालने और अनावश्यक हस्तक्षेप से समस्या निरंतर गंभीर रूप ले रही है। जिसका समाधान न होने पर ग्रामीण महिलाएं व पुरुष चौबटिया-रानीखेत जाने वाले मार्ग को खुद अवरूद्ध करने पर बाध्य होंगे।
ज्ञापन में जिलाधिकारी से स्थलीय निरीक्षण कर मामले का समाधान करने की मांग की गई है ताकि ग्रामीणों आवाजाही पूर्ववत सामान्य हो सके। ज्ञापन देने वालों में जिला पंचायत सदस्य धन सिंह रावत, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य कुंदन सिंह फर्त्याल, मोहन राम ग्राम प्रधान कालनु, मनोज सती सरपंच, दिनेश सती सहित कई लोग मौजूद रहे।