देहरादून न्यूज़: सरकारी स्कूलों में नया शिक्षा सत्र शुरू हुए करीब-करीब चार माह हो गए हैं. अब तक कितने बच्चों को निशुल्क किताबें मिलीं? इसकी जानकारी शिक्षा विभाग के अफसरों को भी नहीं है. कई जिलों और ब्लॉकों ने तो किताबें खरीदने को दिया गया पैसा अब तक खर्च ही नहीं किया है. इस सबके बारे में जानने को अब शिक्षा विभाग के अफसर सरकारी स्कूलों की खाक छानेंगे. शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने इसके लिए निदेशालय स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक के 95 अफसरों की ड्यूटी लगा दी है. ये सभी जुलाई के दूसरे और तीसरे सप्ताह में स्कूलों का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को भेजेंगे.
हर अफसर 6 स्कूलों का करेगा निरीक्षण डीजी ने बताया कि प्रत्येक अधिकारी को उन्हें आवंटित ब्लॉक के न्यूनतम 6 स्कूलों का निरीक्षण करना होगा. साथ ही ब्लॉक स्तर पर किताबों के भंडारण की व्यवस्था का भी निरीक्षण करना होगा.
इन बिंदुओं पर तैयार करनी होगी रिपोर्ट
● किताब वितरण की व्यवस्था/स्थिति
● किताबों की गुणवत्ता/सुझाव
● शिक्षक और छात्रों की उपस्थिति
● विभिन्न पाठ्य सहगामी क्रियाकलाप व योजनाओं का क्रियान्वयन
● नामांकन एवं गुणवत्तायुक्त शिक्षा
● सीखने के प्रतिफल आधारित मूल्यांकन
● पाठ्यक्रम की प्रगति व विभाग द्वारा क्रियान्वित अभिनव कार्यों का आकलन