राजमार्गों, राजस्व और वन भूमि से कब्जे हटाएं: हाईकोर्ट
हरिद्वार न्यूज़: हाईकोर्ट ने नैनीताल जिले के पदमपुरी में वन विभाग की भूमि पर अतिक्रमण करने को लेकर दिल्ली निवासी एक व्यक्ति के पत्र पर स्वत संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में इस मामले में सुनवाई की.
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने जनहित याचिका का क्षेत्र विस्तृत करते हुए प्रदेश के सभी राष्ट्रीय राजमार्ग, राजकीय राजमार्ग, राजस्व भूमि और वन भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश राज्य के सभी जिलाधिकारियों और डीएफओ को दिए हैं.
कोर्ट ने कहा कि अतिक्रमण हटाने से पहले की और इन्हें हटाने के बाद की फोटोग्राफ समेत रिपोर्ट, शपथ पत्र के साथ कोर्ट में प्रस्तुत करें. वहीं कोर्ट ने नैनीताल जिले के पदमपुरी में वन विभाग की भूमि पर हुए अतिक्रमण पर जिलाधिकारी और इससे संबंधित अधिकारी को अग्रिम आदेश के तहत अतिक्रमण हटाकर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के लिए भी कहा है. मामले की अगली सुनवाई के लिए 5 सितंबर की तिथि नियत की है.
मामले के अनुसार, दिल्ली निवासी प्रभात गांधी ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजकर कहा गया है कि पदमपुरी में वन विभाग की भूमि और सड़क के किनारे कुछ लोगों ने संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से अतिक्रमण किया है. इस वजह से वहां लोगों को विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लिहाजा इस अतिक्रमण को हटाया जाए.