धारीवाल को जेई-एई मामले में राहत, पटवारी पेपर लीक में कसा शिकंजा
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हरिद्वार न्यूज़: करीब ढाई माह से एसआईटी को छका रहे भाजपा के पूर्व नेता संजय धारीवाल की गिरफ्तारी पटवारी भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में हुई है. जेई-एई परीक्षा के पेपर लीक मामले में उसे हाईकोर्ट से स्टे मिल गया था. पटवारी भर्ती प्रश्नपत्र लीककांड प्रकरण में उसे राहत नहीं मिली तो उसने आखिरकार हथियार डाल दिए और एसआईटी की गिरफ्त में आया गया.
पटवारी और जेई-एई परीक्षा प्रश्नपत्र लीक कांड की जांच कर रही एसआईटी जब आगे बढ़ी तो जांच की आंच भाजपा मंगलौर ग्रामीण के पूर्व मंडल अध्यक्ष संजय धारीवाल तक भी पहुंची. धारीवाल की भूमिका सामने आने पर एक बारगी एसआईटी भी हक्की बक्की रह गई. चूंकि धारीवाल की नजदीकी एक बड़े नेता से थी, उसी के चलते चंद दिन पहले उसे मंडल अध्यक्ष की कमान मिली थी. लिहाजा हाईप्रोफाइल प्रकरण में नाम सामने आने पर डैमेज कंट्रोल करते हुए उससे मंडल अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिलवाया गया था. फिर भाजपा नेता संजय धारीवाल भूमिगत हो गया था.
वह मुजफ्फरनगर, शामली, करनाल हरियाणा और दिल्ली में फरारी काटता रहा. 12 जनवरी को एसआईटी ने उस पर इनाम घोषित किया था, लेकिन एसआईटी उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी थी. उसी का ही नतीजा था कि करीब बीस दिन पूर्व उसे एई-जेई प्रश्नपत्र लीककांड में उसे अपनी गिरफ्तारी पर स्टे मिल गया लेकिन पटवारी प्रकरण में उसकी यह उम्मीद धाराशायी हो गई. ऐसे में अबूझ पहेली बना पूर्व भाजपा नेता एसआईटी के हत्थे चढ़ गया. एसओ कनखल नरेश राठौड़ ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी पटवारी भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में हुई है. जेई-एई परीक्षा के पेपर लीक मामले में उसे हाईकोर्ट से स्टे मिल गया था.
घरेलू सामान कर दिया था शिफ्ट हैरानी की बात है कि पूर्व भाजपा नेता ने अपने घर का अधिकांश सामान किसी दूसरे स्थान पर शिफ्ट कर दिया था. उसे पता था कि उसके हत्थे न चढ़ने पर कुर्की की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी, इसलिए उसने पहले ही सामान इधर-उधर कर दिया था. उसके घर में फिलवक्त नाम मात्र का घरेलू सामान ही मौजूद है.