एमबीपीजी में एमए के चार विषयों की मान्यता के लिए संस्तुति
नैनीताल: एमबीपीजी में स्नातकोत्तर कला वर्ग के चार विषयों को स्थायी मान्यता मिलने की उम्मीद जगी है। विभिन्न विश्वविद्यालयों के संयुक्त पैनल ने मंगलवार को कॉलेज में विषयों से संबंधित सुविधाओं, लैब, पुस्तकालय आदि का स्थलीय निरीक्षण किया। जिसकी रिपोर्ट बनाकर संस्तुति के लिए कुमाऊं विवि को भेजी गई है।
एमबीपीजी कॉलेज में एमए में संस्कृत, भूगोल और शिक्षाशास्त्रत्त् विषय को 2014-15 में अस्थायी मान्यता मिली थी। वहीं, एमए संगीत विषय को 2016 में अस्थायी मान्यता मिली थी। नियमानुसार स्थायी मान्यता के लिए संबंधित विवि को आवेदन करना होता है। जिसके बाद एक पैनल गठित कर संबंधित कॉलेज में भेजा जाता है, जो कि कॉलेज में विषयों से संबंधित सुविधाओं का जायजा लिया जाता है। हालांकि, स्थायी मान्यता से पहले पांच बार पैनल कराना अनिवार्य है। एमबीपीजी में एमए के इन सभी कॉलेजों विषयों के पूर्व में पांच पैनल कराए जा चुके हैं। इधर, कॉलेज प्रशासन के आवेदन के बाद एक पैनल मंगलवार को कॉलेज पहुंचा। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. सीडी सूंठा की अगुवाई वाले पैनल में भूगोल के लिए कुमाऊं विवि के प्रो. आरपी जोशी, शिक्षाशास्त्रत्त् के लिए एसएसजे विवि अल्मोड़ा की प्रो. भीमा मनराल, संस्कृत के लिए कुमाऊं विवि की प्रो. जया तिवारी और संगीत के लिए कुमाऊं विवि के लिए डॉ. रवि जोशी में शामिल रहे। यहां एमबीपीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एनएस बनकोटी, लोनिवि के अभियंता अनिल, चीफ प्रॉक्टर डॉ. संजय खत्री आदि भी मौजूद रहे।