देहरादून: फिंगर प्रिंट मिलान न होने या अपडेट न होने की वजह से उपभोक्ताओं का राशन नहीं रुकेगा. बायोमेट्रिक पहचान से ही राशन देने पर केंद्र की सख्ती के बीच राज्य सरकार ने उपभोक्ताओं को कुछ राहत दी है. अपर आयुक्त-खाद्य पीएस पांगती के अनुसार यदि वास्तव मंस किसी उपभोक्ता के बायोमेट्रिक पहचान में दिक्कत आ रही हो तो उसे राशन दिया जाएगा. लेकिन इसका प्रमाणिक ब्योरा हर राशन डीलर को अपने रजिस्टर में दर्ज करना होगा. यह सुविधा अपरिहार्य स्थिति में ही मान्य होगी.
राज्य में आज से सरकारी राशन की दुकानों से बायोमेट्रिक प्रणाली से ही राशन देने की व्यवस्था लागू हो गई है. राशन डीलर बायोमेट्रिक प्रणाली की कुछ खामियों को लेकर ऊहापोह में हैं. उनका कहना है कि कुछ बुजुर्ग लोगों के फिंगर प्रिंट अपडेट नहीं हैं. साथ ही श्रमिक वर्ग के राशन कार्ड के धारकों के फिंगर प्रिंट घिस जाते हैं. बायोमेट्रिक पर ऐसे उपभोक्ताओं की पहचान नहीं हो पाती है. खाद्य मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि केंद्र के निर्देश के अनुसार बायोमेट्रिक व्यवस्था को लागू किया जाएगा. इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि कोई राशन से वंचित न रहे.
राशन डीलरों को केंद्र सरकार से मिला बजट
देहरादून. 13 महीने से अनाज वितरण के कमीशन का इंतजार कर रहे सरकारी राशन डीलर के लिए अच्छी खबर है. केंद्र सरकार ने राशन डीलरों के कमीशन के रूप में लंबित 58.71 करोड़ उत्तराखंड को जारी कर दिए. 20 करोड़ रुपये राज्य सरकार पहले ही जारी कर चुकी है. अपर आयुक्त खाद्य पीएस पांगती ने केंद्रीय बजट मिलने की पुष्टि की.