नैनीताल न्यूज़:अंकित की हत्या के बाद आरोपी पुलिस से छिपने को नौ दिनों में करीब 1066 किलोमीटर भागे. जब लगा बचना मुश्किल है तो वकील के माध्यम से कोर्ट में सरेंडर करने का प्लान बनाया. इसी प्रयास में वकील से मिलने आ रहे माही और दीप को पुलिस व एसओजी की टीम ने रुद्रपुर से गिरफ्तार कर लिया.
14 जुलाई की रात अंकित की हत्या के बाद माही ने दिल्ली जाने के लिए टैक्सी बुक करा रखी थी. हत्याकांड को अंजाम देने के बाद दीप और रामअवतार शव को कार में लेकर भुजियाघाट ले गए. लेकिन मौका नहीं मिलने पर रात 11 से 12 बजे के बीच में शव को कार समेत तीनपानी रेलवे क्रॉसिंग के पास छोड़ गए. यहां से दिल्ली नंबर की टैक्सी में फरार हो गए. खुलासा करने वाली टीम में कोतवाल हरेन्द्र चौधरी, एसएसआई विजय मेहता, महेन्द्र प्रसाद, मंगलपड़ाव चौकी प्रभारी जगदीप नेगी, एसआई कुमकुम धानिक, मंडी चौकी प्रभारी गुलाब कम्बोज, इसरार नबी, घनश्याम रौतेला, चंदन नेगी, अरुण राठौर, वंशीधर जोशी, छाया, एसओजी प्रभारी राजवीर नेगी, कुंदन कठायत, त्रिलोक रौतेला, दिनेश नगरकोटी, अनिल गिरी, भानुप्रताप, अशोक रहे.
70 हजार लेकर भागी 1लाख बैंक से निकाले
हत्याकांड के बाद माही 70 हजार रुपये लेकर भागी थी. नौ दिन तक फरारी के दौरान भी वह ऐशो आराम से रही. जब पैसों की कमी होने लगी तो उसने तीन दिन पहले दिल्ली में खाते से एक लाख रुपये और निकाले. नौ दिन में माही ने खुद व साथियों पर करीब 1 लाख 10 हजार रुपये खर्च किए. 60 हजार रुपये कैश उससे बरामद हुआ. वहीं जिस खाते से उसने पैसे निकाले पुलिस के अनुसार उसमें अभी 40 हजार कैश और है. पुलिस उसके अन्य बैंक खातों की डिटेल भी खंगाल रही है.