उत्तराखंड

उत्तराखंड में बारिश बनी आफत! जलमग्न हुआ उत्तरकाशी, घरों में घुसा पानी

Renuka Sahu
11 May 2022 1:53 AM GMT
Rain became a disaster in Uttarakhand! Uttarkashi submerged, water entered the houses
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फाइल फोटो 

उत्तराखंड का उत्तरकाशी जिला मुख्यालय सहित आस-पास के इलाकों में मंगलवार शाम 3 बजे जोरदार बारिश हुई.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तराखंड (Uttarakhand) का उत्तरकाशी जिला मुख्यालय सहित आस-पास के इलाकों में मंगलवार शाम 3 बजे जोरदार बारिश (Uttarakhand Rain Alert) हुई. बारिश से एक ओर जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली. तो वहीं यह तेज बारिश कहीं-कहीं आफत भी बनी. गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग से लगे मातली कस्बे में देर शाम हुई बारिश से हाईवे पर मठमैला पानी बहने लगा. गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बारिश के पानी ये बाढ़ (Uttarakhand Flood) जैसा दिख रहा था. कुछ देर के लिए तो लोग सहम गए थे.

घरों में घुसा पानी और कीचड़
स्थानीय संदीप उनियाल ने बताया कि उत्तरकाशी में आज शाम 3 बजे शुरू हुई बारिश से मातली में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगा जैसे बाढ़ आ गई है. पानी का ऐसा रूप देख कर लोगों में भय का माहौल बन गया. संदीप ने बताया कि पानी लोगों के घरों में घुस गया. सड़क से लगे करीब 15 लोगों लोगों के घरों में पानी और कीचड़ घुस गया. जिसको बारिश रुकने के बाद साफ किया गया.
गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी पानी-पानी
वहीं जिला मुख्यालय के पास साल्ड रोड पर भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला. ज्ञानशू के पास गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के साल्ड रोड के पास भी बाढ़ जैसे हालात दिखने लगे थे. साल्ड रोड पर बारिश का पानी मिट्टी के साथ बहने लगा. जो बहते-बहते गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर आ गया. जिससे हाईवे पर पानी के साथ-साथ कीचड़ हो गया. इससे आवागमन कर रहे वाहनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
सड़क पर दिखा बाढ़ का नजारा
ज्ञानशू के स्थानीय मुकुल नौटियाल ने बताया कि मंगलवार शाम की बारिश से पैदल चलने वालों और दुपहिया वाहन चालकों को काफी दिक्कतें हुई हैं. इन दिनों यात्रा अपने चरम पर है, जिससे जाम की समय भी बनी हुई है. सड़क से पानी की निकासी ना होने के कारण बरिश का सारा पानी सड़क पर बहने लगा था. देखते ही देखते सड़क तालाब में तब्दिल होती दिखाई दे रही थी.
लोगों के घरों में घुसा पानी
वहीं जोशियाड़ा क्षेत्र के प्रसिद्ध कालेश्वर मंदिर रास्ते पर तो पानी घरों की खिड़की तक पहुंच गया था. इस रास्ते पर एक स्कूल भी है, जहां लगभग 600 से 800 की संख्या में छात्र-छात्राएं पढ़ती हैं. लेकिन इस सड़क पर भी एक घंटे की बारिश से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो जाते हैं. थोड़ी देर की बारिश में मार्ग पर मिट्टी के साथ-साथ क्विंटलों कूड़ा भी रास्ते में और लोगों के घरों में घुस जाता है.
अतिक्रमण ने घेर ली पानी निकलने की जगह
वही जोशियाड़ा, लदाडी, कालेश्वर मार्ग, उत्तरकाशी बाजार आदि जगहों पर और रास्तों पर पानी बाढ़ की तरह बहाने लगा था. सड़कों और पैदल रास्तों पर हुए अतिक्रमण से बरसात के मौसम में ऐसी तस्वीरें अक्सर सामने आती हैं. जिसको देखकर स्थानीय प्रशासन मुंह फेर लेता है.
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