उत्तराखंड

कबाड़ के कारोबारियों के 15 ठिकानों पर छापा

Kajal Dubey
27 July 2022 5:51 PM GMT
कबाड़ के कारोबारियों के 15 ठिकानों पर छापा
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रुद्रपुर। बाइक-कार से लेकर ट्रक को काटकर स्क्रैप (कबाड़) का काम कर रहे लोग बड़े स्तर पर कर चोरी कर रहे थे। राज्य कर विभाग के छापे में जीएसटी अधिकारियों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। कबाड़ का मामूली लगने वाला काम कर रहे लोगों ने करीब डेढ़ करोड़ की कर चोरी कर डाली है। टीम की कार्रवाई से स्क्रैप कारोबारियों में खलबली मची रही।
केलाखेड़ा में बाहर से गाड़ियां मंगाकर काटने व बेचने का काम लंबे अर्से से चल रहा है। राज्य कर अधिकारियों को जब कर चोरी की भनक लगी तो उन्होंने छापा मारने की तैयारी की। मंगलवार को गोपनीय तरीके से जांच टीमें रवाना हुईं। राज्य कर विभाग के अपर आयुक्त बीएस नागन्याल के निर्देश पर कुल 13 टीमों का गठन किया गया। टीमों में 34 अधिकारी व बड़ी संख्या में कर्मचारी, पुलिस, पीआरडी के जवान शामिल रहे।
टीमों ने केलाखेड़ा बाजार के कुल 15 ठिकानों पर निरीक्षण किया। जांच में पता चला कि कारोबारी गाड़ियां लाकर उनके पार्ट्स अलग कर देते हैं और बिना कोई कर चुकाए उसे बाजार में बेच रहे हैं। मौके से राज्य कर विभाग की टीमों ने कागजात भी सीज कर लिए हैं जिसमें कच्चे बिल, खरीद-बिक्री से जुड़े कुछ अन्य दस्तावेज आदि शामिल हैं। इनकी जांच की जा रही है। टीम में संयुक्त आयुक्त ठाकुर रणवीर सिंह, डिप्टी कमिश्नर रजनीश यशवस्थी, अरविंद प्रताप सिंह, विनय ओझा, अनिल चौहान, हरिओम वर्मा, मो. इमरान, संजय उपाध्याय, राहुल कांत आर्या, प्रियंका आर्या, गौरव पंत आदि मौजूद थे।
260 वाहन जब्त किए गए
केलाखेड़ा में छापे के दौरान कटने के लिए पहुंचे करीब 260 वाहन राज्य कर विभाग ने सीज कर दिए। इनमें करीब 70 मोटरसाइकिलें, कार व ट्रक आदि शामिल हैं। वहीं लोहा व प्लास्टिक स्क्रैप भी बड़ी मात्रा में जब्त किया गया है। अपर आयुक्त बीएस नागन्याल ने निर्देश दिए कि सीज किया सामान बिना अनुमति के विक्रय नहीं किया जाएगा।
केलाखेड़ा पहुंचने के बाद भेजी गूगल लोकेशन
रुद्रपुर। केलाखेड़ा में छापे से पहले इस अभियान को बहुत गोपनीय रखा गया था। छापा मारने के लिए टीम बनाकर तो भेज दी गई लेकिन विभागीय कर्मचारियों व अधिकारियों को भी पूरी जानकारी नहीं दी गई ताकि कार्रवाई किसी भी तरह से लीक नहीं हो पाए। केलाखेड़ा पहुंचने के बाद टीम के सभी अधिकारियों को गूगल लोकेशन भेजी गई जिससे वह छापे वाले स्थान पर पहुंच सकें। इस अभियान के लिए डिप्टी कमिश्नर रजनीश यशवस्थी करीब 15 दिनों से रेकी कर रहे थे।
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