ऋषिकेश न्यूज़: कुवैत की यूनिवर्सिटी में नौकरी पाने के चक्कर में दून के एक प्रोफेसर ठगी के शिकार हो गए. आरोप है कि गुरुग्राम की एचआर फर्म ने झांसा देकर प्रोफेसर से रजिस्ट्रेशन, वीजा सिक्योरिटी, रेजीडेंस सिक्योरिटी के नाम पर 1.23 लाख रुपये लिए थे. इधर, प्रेमनगर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
एसओ पीडी भट्ट के अनुसार, डॉ. कुंदन कुमार चौबे उत्तरांचल विवि में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर तैनात थे. उन्होंने इसी साल तीन अप्रैल को नौकरी छोड़ने का नोटिस दिया था, जिस पर उत्तरांचल विवि ने 29 अप्रैल को रिलीव कर दिया. इस बीच, उनके दोस्त ने उनकी ई-मेल पर जॉब अलर्ट भेजा, जो शाइन डॉट कॉम की ओर से आया था, जिसमें यह उल्लेख था कि कुवैत यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर और प्रोफेसर भर्ती किए जा रहे. इस प्रपोजल के बाद ई-मेल में आए नंबर पर उन्होंने कॉल की. फोन उठाने वाले ने खुद को जेट कर्व हायरिंग का कंसलटेंट गौरव शर्मा बताया. गौरव ने शुरुआत में रजिस्ट्रेशन के रूप में एक हजार रुपये कंपनी के खाते में जमा कराए. इसके बाद 18 अप्रैल को फोन आया कि वे असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर चयनित हो गए हैं. अब औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी. गौरव से लगातार बात हो रही थी. 20 अप्रैल की सुबह कुवैत के एक नंबर से फोन आया और उसने इंटरव्यू भी लिया. चौबे बेहद खुश थे कि अब वे कुवैत में नौकरी करेंगे. इसके बाद गौरव ने फोन पर बताया कि वीजा सिक्योरिटी और रेजीडेंट सिक्योरिटी के लिए रुपये जमा करने होंगे. उन्होंने करीब 1.22 लाख रुपये विभिन्न खातों में जमा कर दिए. इसके बाद और पैसों की डिमांड हुई तो उन्होंने कुवैत दूतावास में पड़ताल कराई. पता चला कि इस तरह की कोई जॉब कुवैत यूनिवर्सिटी ने नहीं निकाली. गौरव बार-बार फोन कर रहा था. उन्होंने यह रिपोर्ट नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर कर दी. पर, देरी के कारण मदद नहीं मिली. एसओ पीडी भट्ट ने बताया कि इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.