उत्तराखंड

प्रक्रिया ऑनलाइन करने की तैयारी, अब नहीं लगाने पड़ेंगे नगर निगम के चक्कर

Admin4
18 Aug 2022 10:58 AM GMT
प्रक्रिया ऑनलाइन करने की तैयारी, अब नहीं लगाने पड़ेंगे नगर निगम के चक्कर
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न्यूज़क्रेडिट: आजतक

अभी निगम में म्यूटेशन की व्यवस्था ऑफलाइन है। म्यूटेशन करने वालों को नगर निगम में आवेदन करना पड़ता है। आवेदन के बाद किसी को इसमें आपत्ति हो तो नगर निगम इसके लिए नोटिस निकालता है।

म्यूटेशन (नामांतरण) की प्रक्रिया के लिए अब लोगों को नगर निगम के बार-बार चक्कर नहीं लगाने पड़ेेंगे। नगर निगम म्यूटेशन की प्रक्रिया को ऑनलाइन करने जा रहा है। शुक्रवार को आयोजित होने वाली बोर्ड बैठक में इस पर अंतिम मुहर लगेगी। म्यूटेशन के साथ ही निगम कर निर्धारण व्यवस्था को भी ऑनलाइन करेगा।

दरअसल, अभी निगम में म्यूटेशन की व्यवस्था ऑफलाइन है। म्यूटेशन करने वालों को नगर निगम में आवेदन करना पड़ता है। आवेदन के बाद किसी को इसमें आपत्ति हो तो नगर निगम इसके लिए नोटिस निकालता है। सात दिन के बाद फिर म्यूटेशन की कार्रवाई शुरू होती है और करीब 45 दिन में कोई विवाद न हो तो म्यूटेशन की कार्रवाई पूरी हो जाती है।

विवाद की स्थिति में इसमें सुनवाई होती है और नब्बे दिन के बाद म्यूटेशन की कार्रवाई पूरी हो पाती है। लेकिन, इस बीच लोगों को जानकारी के लिए निगम के चक्कर काटने पड़ते हैं। लोगों को राहत देने और प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए अब निगम पूरी व्यवस्था को ऑनलाइन करने जा रहा है। इसकी तैयारी निगम कई दिनों से कर रहा है। नगर आयुक्त मनुज गोयल ने बताया कि बोर्ड बैठक में इसके लिए प्रस्ताव रखा गया है। बोर्ड की अनुमति मिलने के बाद कार्रवाई तेजी से शुरू कर दी जाएगी। इसमें लगभग पांच लाख रुपये खर्च आने का अनुमान है। बताया कि इसके साथ ही कर प्रणाली को भी निगम ऑनलाइन करेगा।

म्यूटेशन शुल्क पांच हजार करने की तैयारी

नगर निगम प्रॉपर्टी म्यूटेशन (संपत्ति नामांतरण) की फीस में भी भारी बढ़ोत्तरी करने की तैयारी कर रहा है। निगम ने म्यूटेशन शुल्क 150 रुपये से पांच हजार रुपये करने का प्रस्ताव तैयार किया है। शुक्रवार को बोर्ड बैठक में इस पर अंतिम मुहर लग सकती है। हालांकि निगम के इस प्रस्ताव का बोर्ड बैठक से पहले ही विरोध शुरू हो गया है। कांग्रेस पार्षदों के साथ ही भाजपा पार्षद भी म्यूटेशन शुल्क में भारी बढ़ोत्तरी के विरोध में उतर गए हैं। इसलिए बोर्ड बैठक में इस पर हंगामा होने के आसार बन गए हैं।

हालांकि निगम अधिकारियों का कहना है कि म्यूटेशन का शुल्क 1999 में 150 रुपये निर्धारित किया गया था। तब से अभी तक म्यूटेशन शुल्क नहीं बढ़ाया गया है। जबकि वर्तमान में म्यूटेशन के नोटिस डाक से भेजने पर प्रति डाक 35 रुपये और देश से बाहर भेजने पर 90 रुपये का खर्च आता है। इसलिए नगर निगम की ओर से निर्धारित म्यूटेशन शुल्क काफी कम हैं। इसलिए निगम ने म्यूटेशन शुल्क पांच हजार, आवासीय मकानों के लिए या उपहार की संपत्ति पर निर्धारित स्टांप का एक प्रतिशत जबकि व्यावसायिक संपत्ति के मामले में यह निर्धारित स्टांप शुल्क का दो प्रतिशत करने का प्रस्ताव तैयार किया है।

यह प्रस्ताव भी रखे जाएंगे बैठक में

- शंकरपुर में कांजी हाउस की क्षमता 1500 करने, यहां आठ करोड़ की लागत से सीएनजी बायो प्लांट स्थापित करने

- डोर टू डोर कूड़ा उठान का शुल्क 50 रुपये से 75 रुपये करने

-शहर में स्ट्रीट लाइटों पर तीस हजार स्विच लगाने

- नए पार्कों के सुधारीकरण, नए पार्क विकसित करने के लिए बीस करोड़ की स्वीकृति

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