उत्तराखंड

हरियाणा में बिजली संकट, प्रदेश में और बढ़ सकते हैं बिजली कट

jantaserishta.com
25 April 2022 1:34 AM GMT
हरियाणा में बिजली संकट, प्रदेश में और बढ़ सकते हैं बिजली कट
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हरियाणा में बिजली संकट के बीच घोषित कटों से उद्योगों में उत्पादन 40 प्रतिशत तक कम हो गया है। ऐसे में उद्योगपतियों के पहले के करार टूटने की कगार पर हैं। जनरेटर से उद्योगों को चलाने से उत्पादन लागत बढ़ गई है। अनुमान है कि पिछले 10 दिनों में प्रदेश में उद्योगों को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।

बिजली कमी के चलते प्रदेश में रोजाना उद्योगों पर 14 लाख यूनिट के कट लगाए जा रहे हैं। घोषित रूप से बिजली निगम उद्योगों में 6 से 8 घंटे के कट लगा रहा है लेकिन कई जगह अघोषित कट भी लगाए जा रहे हैं। बिजली नहीं मिलने से उद्योगों में उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। फरीदाबाद, गुरुग्राम, बहादुरगढ़, राई, करनाल, पानीपत और पंचकूला स्थित औद्योगिक क्षेत्रों में लक्ष्य से कम उत्पादन हो पा रहा है।
उद्योगपतियों का कहना है कि 40 फीसदी तक उत्पादन कम हो गया है। उद्योगपतियों का कहना है कि बिजली नहीं मिलने के कारण उद्योगों को बंद तक करने की नौबत आने लगी है। अगर यही हालात रहे तो वह आर्डर कैसे समय पर दे सकेंगे। मजदूरों के रोजगार पर भी संकट के बादल छा गए हैं। हरियाणा व्यापार मंडल के प्रदेश प्रधान बजरंग दास गर्ग ने कहा कि उत्पादन कम होने से करार टूटने की स्थिति में पहुंच गए हैं। तुरंत प्रभाव से उद्योगों की बिजली बहाल की जाए।
अभी उद्योगों को कटों से राहत के आसार कम हैं। एक तो गर्मी बढ़ने से लगातार बिजली की मांग बढ़ रही है। दूसरा, आगामी दिनों में धान बिजाई का सीजन आएगा तो खेतों में और अधिक बिजली की जरूरत होगी।
अभी गेहूं के सीजन के चलते खेतों को कम बिजली आपूर्ति की जा रही है। बिजली निगम के आंकड़ों के मुताबिक अब 8600 मेगावाट रोजाना की मांग पहुंच चुकी है, आगामी कुछ दिनों में यह आंकड़ा और अधिक बढ़ सकता है। ऐसे में कटों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि अभी तक प्रदेश पर्याप्त बिजली की व्यवस्था नहीं कर पाया है।
शेड्यूल के अनुसार दी जाए बिजली: गोयल
चैंबर्स के पूर्व अध्यक्ष विष्णु गोयल ने कहा कि बिजली कटों से उद्योगों को नुकसान हो रहा है। उन्होंने मांग की कि उद्योगों को लिए दिनों के हिसाब से बिजली आपूर्ति का शेड्यूल बनाया जाए, ताकि इंडस्ट्री लगातार चल सके। चाहे सप्ताह में पांच दिन बिजली दें और दो दिन बंद रखी जाए। वहीं, जनरेटर से इंडस्ट्री चलाने पर उत्पादन खर्च बढ़ रहा है।
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