ऋषिकेश न्यूज़: कालसी तहसील के ललऊ गांव निवासी यशपाल चौहान हत्याकांड में कालसी पुलिस भले ही चार लोगों को जेल की सलाखों के पीछे भेजने में कामयाब रही हो, लेकिन पुलिस अब तक हत्या के कारणों तक नहीं पहुंच पाई है. आखिर यशपाल के दोस्तों ने क्यों उसकी हत्या की है. इसका कोई जवाब पुलिस के पास नहीं है. जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर लोग कई तरह के सवालिया निशान खड़े होने के साथ ही यशपाल की हत्या का कारण रहस्य बनकर रह गया है.
ललऊ गांव निवासी यशपाल 28 फरवरी को अपने घर से सेलाकुई स्थित कंपनी में ड्यूटी पर गया था, लेकिन उसके बाद वह घर नहीं लौटा. जिसके बाद यशपाल के बहनोई ने एक मार्च को यशपाल की गुमशुदगी कालसी थाने में दर्ज कराई. एक मार्च की शाम को यशपाल का स्कूटर लावारिस हालत में छिबरो पावर हाउस के पास मिला. जिसके बाद परिजनों और क्षेत्र के लोगों ने यशपाल की हत्या की आशंका व्यक्त की. पुलिस ने यशपाल की तलाश शुरू की. तब दो मार्च को यशपाल का शव छिबरो पावर हाउस के समीप लोहे के पुल के नीचे एक कुंड में बरामद हुआ. तब यशपाल के भाई ने यशपाल के चार साथियों सूरज, प्रीतम, विनय व चेतन सिंह राठौर उर्फ समीर के खिलाफ हत्या की नामजद तहरीर दी. जिस पर पुलिस ने चारों आरोपियों को चार मार्च को गिरफ्तार कर पांच मार्च को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया, लेकिन पुलिस अब तक यशपाल की हत्या के कारणों का पता नहीं लगा पाई. आखिर यशपाल के साथियों ने क्यों उसकी हत्या की. थानाध्यक्ष कालसी रविंद्र सिंह नेगी का कहना है कि हत्या के कारणों का अब तक कोई स्पष्ट कारण पता नहीं चल पा रहा है. हालांकि यशपाल की मौत के बाद आरोपियों ने जिस तरह से पैंतरे बदले और बयान बदल रहे हैं उससे स्पष्ट है कि यशपाल की हत्या ही हुई. लेकिन हत्या क्यों की गई उस पर थानाध्यक्ष के पास कोई जवाब नहीं. कहा कि आरोपियों को कोर्ट से पुलिस रिमांड पर लेने की तैयारी में है. रिमांड पर लेने के बाद ही हत्या के कारणों का पता चल सकेगा.