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पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने होर्रावाला स्थित संजीवनी रिजॉर्ट में देर रात छापा मारकर हार-जीत की बाजी लगा रहे 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मौके से 23 सौ कैसिनो क्वाइंस और कैश भी बरामद करने का दावा किया गया है।
पुलिस ने सभी आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर उन्हें न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर दिया है। पकड़े गए लोगों में उत्तराखंड के अलावा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के लोग भी शामिल हैं। एसटीएफ के निरीक्षक अब्दुल कलाम, सहसपुर के थाना प्रभारी नरेश राठौर के नेतृत्व में बुधवार रात करीब ढाई बजे सहसपुर क्षेत्र के होर्रावाला स्थित संजीवनी रिजॉर्ट पर छापा मारा।
अचानक पड़े छापे से रिजॉर्ट प्रबंधन और वहां मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया। अफरातफरी के बीच कुछ लोगों ने भागने की भी कोशिश की, लेकिन पहले से मुस्तैद पुलिस कर्मियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया। पुलिस ने मौके से 2.30 लाख रुपये कीमत के कैसिनो क्वाइंस और 1.22 लाख रुपये नगद और 60 ताश की गड्डियां भी बरामद करने का दावा किया है।
सीओ विकासनगर नीरज सेमवाल ने पकड़े गए आरोपियों के हवाले से बताया कि पारस गुलाटी, कुलदीप अरोड़ा ने इस कैसिनो पार्टी का आयोजन किया था। पार्टी मेें मौजूद सभी प्रकार की सामग्री भी उनके माध्यम से ही उपलब्ध कराई गई थी। उन्होंने बताया कि आरोपियों के विरुद्ध जुआ से संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
लंबे समय से रईसों की एशगाह हैं रिर्जोट, एक अधिकारी भी साझेदार
सहसपुर क्षेत्र का रिजोर्ट सालों से रईसों की एशगाह रहा है। इस पर कुछ अधिकारियों की भी इनायत थी। बताया जा रहा है कि इसमें साझेदार भी एक बड़ा अधिकारी है। यही कारण है कि इस पर इतने लंबे समय से किसी ने हाथ नहीं डाला। देश के कई प्रदेशों के रईस यहां पर युवतियों के साथ रंगरलियां भी मानते हैं। बुधवार रात को भी यहां से 12 युवतियां पकड़ी गई थीं। इनमें कुछ नेपाल मूल की भी बताई जा रही हैं। बुधवार रात को एसटीएफ और स्थानीय थाना पुलिस ने सहसपुर क्षेत्र के एक रिजॉर्ट में छापा मारा था।
यहां पर 25 लोग कैसिनो में जुआ खेलते पकड़े गए। सभी के खिलाफ जुआ अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया और जुर्माना लेकर नियमानुसार छोड़ दिया गया। लेकिन, यह पहली बार नहीं था जब यहां पर जुआ खेला जा रहा था। देश-विदेश की युवतियों के साथ रंगरलियां मनाई जा रही थीं। सूत्रों की माने तो यहां पर लंबे समय से यह सब चल रहा था।
कोरोना काल से पहले हर सप्ताह शनिवार और रविवार की रात में यहां पर इस तरह की पार्टियां चलती थीं। लेकिन, कोविड की बंदिशें खत्म होने के बाद ये लोग कभी भी आकर पार्टियां कर जुआ खेलते हैं। सूत्रों के अनुसार इस रिजॉर्ट में एक बड़े अधिकारी की पार्टनरशिप है। इसके चलते यहां पर ना तो पुलिस और ना ही अन्य एजेंसी हाथ डालती थी। बताया जा रहा है कि यहां पर कई प्रदेशों के अधिकारी भी अक्सर आया करते थे।
देहरादून में यह पहली बार है कि कैसिनो के जरिये जुआ खेला जा रहा था। इससे पहले यहां पर कुछ बुकी का नाम सामने आया था, जो जुआ खेलने के शौकीनों को गोवा तक ले जाते थे। प्रशासनिक और पुलिस की सख्ती से यह सब बंद हुआ, लेकिन कुछ लोगों ने देहरादून के इस रिजॉर्ट को ही कैशिनो में तब्दील कर दिया।
कई क्षेत्रों में खुले रिजॉर्ट में होती हैं जुआ पार्टी
शहर और आसपास के जंगलों और नदियों के किनारे सुनसान जगहों पर ऐसे तमाम रिजॉर्ट बने हैं। बताया जा रहा है कि इनमें से कुछ जगह इस तरह की पार्टियां होती हैं। चूंकि, उत्तराखंड में कैसिनो वैध नहीं है तो यह सब भी अवैधानिक होता है।
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