न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
नेपाल में 2015 के भूकंप के बाद प्रधानमंत्री ने 2017 में नेपाल यात्रा के दौरान मदद की घोषणा की थी। इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से नेपाल में 100 मिलियन यूएस डॉलर से 'फंडिड पोस्ट अर्थक्वेक रीकंस्ट्रक्शन ऑफ एजुकेशन एंड हेल्थ सेक्टर प्रोजेक्ट्स इन नेपाल' की शुरुआत की गई।
केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की ने देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर नेपाल सरकार को 75 स्कूल और अस्पताल के प्रोजेक्ट्स सौंपने का लक्ष्य लगभग पूरा कर लिया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इनमें से 60 प्रोजेक्ट पूरे कर लिए गए हैं। चीन बॉर्डर से नेपाल के भूकंप प्रभावित रिमोट एरिया में बनाए गए स्कूल और अस्पताल भारत के हस्ताक्षर के रूप में स्थापित होंगे।
गौरतलब है कि नेपाल में 2015 के भूकंप के बाद प्रधानमंत्री ने 2017 में नेपाल यात्रा के दौरान मदद की घोषणा की थी। इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से नेपाल में 100 मिलियन यूएस डॉलर यानी भारतीय मुद्रा के हिसाब से करीब 7.94 अरब रुपये 'फंडिड पोस्ट अर्थक्वेक रीकंस्ट्रक्शन ऑफ एजुकेशन एंड हेल्थ सेेक्टर प्रोजेक्ट्स इन नेपाल' की शुरुआत की गई। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का मुख्य जिम्मा सीबीआरआई रुड़की को मिला।
2019 में नेपाल में शुरू हुए 147 अस्पताल, 70 स्कूल और एक बड़ी लाइब्रेरी के काम में सीबीआरआई के वैज्ञानिकों ने भूकंपरोधी तकनीक के साथ भवनों के डिजाइन, प्लानिग, कंस्ट्रक्शन की मॉनीटरिंग शुरू की। सीबीआरआई वैज्ञानिक डॉ. अजय चौरसिया ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से 75वें स्वतंत्रता दिवस पर 75 प्रोजेक्ट्स पूरा करने का लक्ष्य लगभग करीब है। इनमें से 60 प्रोजेक्ट पूरे कर लिए गए हैं। इनमें 56 स्कूल और 19 अस्पताल शामिल हैं। इस साल के अंत तक सभी प्रोजेक्ट नेपाल सरकार के हैंडओवर कर दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि चीन बॉर्डर पर बन रहे अधिकतर प्रोजेक्ट भारत के लिए कूटनीतिक रूप से होंगे महत्वपूर्ण होंगे और भारत के साइन के रूप में स्थापित होंगे। सभी भवन भूकंपरोधी और अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं।
कोरोना में भी नहीं थमा काम
कोरोना काल में जिस वक्त दुनिया में सभी तरह के कार्य बंद हो गए थे उस दौरान भी नेपाल में स्कूल-अस्पतालों का काम जारी रखा गया। यही कारण है कि तीन साल की अवधि में काफी हद तक काम पूरा कर लिया गया। वैज्ञानिक डा. चौरसिया ने बताया कि कभी ऑनलाइन तो कभी ऑफलाइन काम को किया जाता रहा।
90 हजार वर्ग फीट में बनेगी लाइब्रेरी
प्रोजेक्ट के तहत नेपाल की सबसे बड़ी लाइब्रेरी भी बनाई जा रही है जो कि अपने आप में विभिन्न सुविधाओं से सुसज्जित और ऐतिहासिक होगी। नेपाल की त्रिभुवन यूनिवर्सिटी काठमांडू में बन रही यह लाइब्रेरी 90 हजार वर्ग फीट में होगी। जिस पर काम चल रहा है। इस लाइब्रेरी में भूकंपरोधी तकनीक, लिफ्ट, गार्डन सरीखी तमाम तरह की सुविधाएं दी जाएंगी।