उत्तराखंड

मैदानी जिले आरटीआई के तहत सूचना मांगने में अव्वल, एक साल में 35 हजार से अधिक सूचनाएं मांगी गईं

Renuka Sahu
14 July 2022 3:19 AM GMT
Plains district tops in seeking information under RTI, more than 35 thousand information was sought in a year
x

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत सूचनाएं मांगने के मामले में मैदानी जिलों के लोग ज्यादा जागरूक हैं। वहीं, सालभर में सरकारी विभागों से लोगों ने 35 हजार से अधिक सूचनाएं मांगी हैं। राज्य सूचना आयोग में इस साल जनवरी से जून के बीच एक हजार नए वाद दायर हुए हैं।

मुख्य सूचना आयुक्त अनिल चंद्र पुनेठा ने बुधवार को आरटीआई को लेकर एक प्रेस वार्ता की। इसमें उन्होंने बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत पिछले दो साल में राज्य में सर्वाधिक अनुरोध पत्र राजस्व तथा गृह विभाग में प्राप्त हुए हैं, जो कि कुल प्राप्त अनुरोध पत्रों का लगभग 30 प्रतिशत है। राज्य में सर्वाधिक सूचना अनुरोध पत्र देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल से प्राप्त होते हैं।
विगत दो वर्षों में उत्तराखंड सूचना आयोग को राजस्व विभाग और विद्यालयी शिक्षा विभाग की सर्वाधिक द्वितीय अपील प्राप्त हुई हैं, जोकि कुल द्वितीय अपील का 25 से 30 प्रतिशत रहा। आयोग में सर्वाधिक द्वितीय अपील और शिकायत जिला देहरादून और हरिद्वार से प्राप्त होते हैं, जोकि आयोग में प्राप्त कुल द्वितीय अपील और शिकायत का 55 प्रतिशत से भी अधिक है। पिछले दो साल में आयोग को प्राप्त द्वितीय अपील और शिकायत में सात से आठ प्रतिशत महिलाओं ने की है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की दृष्टि से 30 से 35 प्रतिशत द्वितीय अपील और शिकायत आयोग को ग्रामीण क्षेत्र से प्राप्त हुई हैं।
आंकड़ों में आरटीआई
पुनेठा ने बताया कि जनवरी में उनके पदभार ग्रहण करने के बाद तीन सूचना आयुक्त विवेक शर्मा, विपिन चंद्र और अर्जुन सिंह ने भी पदभार ग्रहण किया। बताया कि कोविड महामारी से पहले जहां आयोग में करीब 1500 वाद सुनवाई के लिए लंबित रहते थे, वहीं जनवरी 2022 में उनकी संख्या बढ़कर तीन हजार पर पहुंच गई। जनवरी से जून तक करीब एक हजार नए वाद भी आयोग को प्राप्त हुए। जनवरी से जून की अवधि में सूचना आयोग ने 1598 द्वितीय अपीलों और शिकायतों की सुनवाई करते हुए कुल 1097 वादों का निपटारा किया। जून 2022 में ही आयोग ने 524 वादों की सुनवाई करते हुए 397 वादों का निपटारा किया। वर्तमान में करीब 2900 वाद लंबित हैं। कोविड काल में लंबित वादों की अप्रत्याशित बढ़ोतरी को कम करने के लिए आयोग ने ठोस रणनीति तैयार की है। उन्होंने कहा कि अगले चार से छह माह में पूर्व की भांति लंबित मामलों की संख्या कम हो जाएगी। मुख्य सूचना आयुक्त ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री का आभार जताया। उन्होंने बताया कि विभागों में वर्ष 2020-21 में सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत 51,000 से अधिक अनुरोध प्राप्त हुए। 5,400 से अधिक प्रथम अपील प्राप्त हुईं। वहीं, वर्ष 2021-22 में 35,000 से अधिक अनुरोध पत्र प्राप्त हुए, जिसके सापेक्ष 4,300 से अधिक प्रथम अपील प्राप्त हुई।
Next Story