उत्तराखंड

पिथौरागढ़: कैंपस में स्नातकोत्तर का प्रवेश शुल्क बढ़ने से छात्र-छात्राओं में आक्रोश, जानिए पूरा मामला

Shiddhant Shriwas
18 Feb 2022 4:53 PM GMT
पिथौरागढ़: कैंपस में स्नातकोत्तर का प्रवेश शुल्क बढ़ने से छात्र-छात्राओं में आक्रोश, जानिए पूरा मामला
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फाइल फोटो 

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जनता से रिस्ता वेबडेस्क: पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ कैंपस में स्नातकोत्तर का प्रवेश शुल्क बढ़ने से छात्र-छात्राओं में आक्रोश है। नाराज छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शन कर विरोध प्रकट किया। उन्होंने डीएम के माध्यम से सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति को ज्ञापन भी भेजा। छात्र-छात्राओं ने कहा कि शीघ्र शुल्क कम नहीं करने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।

शुक्रवार को प्रवेश शुल्क बढ़ने से आक्रोशित छात्र-छात्राएं पिथौरागढ़ कलक्ट्रेट में एकत्र हुए। उन्होंने सरकार के खिलाफ नारे लगाकर प्रदर्शन करते हुए कहा कि सीमांत की विपरीत भौगोलिक और आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए लंबे समय से पिथौरागढ़ में एक अलग विश्वविद्यालय की मांग उठती रही है।
लंबी अनदेखी के बाद वर्ष 2020 में अल्मोड़ा में कुमाऊं विश्वविद्यालय से पृथक एक नया विश्वविद्यालय (एसएसजे विवि) बनाया खोला गया। नया विश्वविद्यालय बनने से सीमांत के छात्रों को अपेक्षा थी कि उन्हें सस्ती, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त होगी लेकिन ऐसा कुछ होते नजर नहीं आ रहा है।
इसके विपरीत स्नातकोत्तर में प्रवेश शुल्क 2200 से बढ़कर 3800 कर दिया है, जिससे छात्र-छात्राएं खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। फीस में हुई अत्यधिक वृद्धि से छात्र उच्च शिक्षा से वंचित हो रहे हैं।
इससे विभिन्न सामाजिक आर्थिक तबकों पर बहुत बोझ बढ़ गया है। उन्होंने शीघ्र प्रवेश शुल्क कम नहीं करने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। वहां शीतल, अंजली, मुस्कान, एकता, निकिता, मेघा, शीतल आदि थे।
बोले छात्र-छात्राएं-
अगर फीस में हुई वृद्धि वापस नहीं होती तो मुझ जैसे कई छात्र उच्च शिक्षा से वंचित रह जाएंगे। मैंने और मेरे दोस्तों ने आपस में रुपये जमा करके फीस जमा की थी। - मुस्कान, छात्रा पिथौरागढ़ कैंपस
मैं गांव से यहां उच्च शिक्षा ग्रहण करने आई थी और यहां किराए पर रहती हूं। कोरोना और महंगाई के कारण वैसे ही आर्थिक दबाव बढ़ा है। फीस बढ़ने से हम पर दोहरी मार पड़ रही है। -अंजली, छात्रा पिथौरागढ़ कैंपस।
यहां अभी तक कोई भी नया व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू नहीं हो पाया है। यहां पर पहले की तुलना में सीटें भी काफी कम हो गई हैं। अब फीस बढ़ाकर छात्र हितों का हनन किया जा रहा है। - दीपक, छात्र पिथौरागढ़ कैंपस।
सीमांत कैंपस पिथौरागढ़ में गरीब परिवारों के बच्चे उच्च शिक्षा लेने आते हैं। स्नातकोतर में फीस बढ़ाकर गलत किया गया है। फीस वृद्धि के निर्णय को वापस नहीं लिया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। - अमित चंद, छात्र पिथौरागढ़ कैंपस।
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