उत्तराखंड

सबसे खूबसूरत पहाड़ी पर रहने वालों को अब नए घर की तलाश

Harrison
27 Sep 2023 11:07 AM GMT
सबसे खूबसूरत पहाड़ी पर रहने वालों को अब नए घर की तलाश
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उत्तराखंड | आल्मा की पहाड़ी से नैनीताल के कुछ सबसे खूबसूरत नजारे नजर आते हैं. सर्दियों में सबसे पहले बर्फबारी भी यहीं होती है. पर भूस्खलन की घटना के बाद यहां के प्रभावित परिवार दर-दर भटकने को मजबूर हैं. ज्यादातर परिवार किसी तरह दैनिक मजदूरी व पर्यटन से जुड़े काम करते हैं. ऐसे में प्रशासन ने उन्हें रहने को कमरा तो दे दिया, पर वहां भोजन, शौचालय, बिस्तर की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में लोग परेशानियां झेल रहे हैं.
भूस्खलन से प्रभावित आठ परिवारों को प्रशासन ने विस्थापित कर दिया. इनमें से तीन परिवारों को स्थानीय सीआरएसटी विद्यालय में शरण दी गई है. जबकि अन्य लोगों ने अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ली है. ऐसे में यहां से हटाए जा रहे परिवारों के सामने नए तरह का संकट खड़ा हो गया है. विद्यालय के फर्श पर सो रहे लोगों के पास पर्याप्त बिस्तर भी नहीं हैं. किसी तरह लोग खुद को ठंड से बचाने के लिए व्यवस्था कर रहे हैं. भोजन की व्यवस्था भी नहीं हो पा रही है. लोगों ने किराए पर कमरा ढूंढ़ना शुरू कर दिया है. पहले तो नैनीताल में किराए का कमरा बजट के भीतर मिलना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में प्रभावितों की मांग है कि सरकार पहाड़ी के नीचे दीवार बनाए और भूस्खलन को रोकना सुनिश्चित करे. ताकि वह अपनी जमीन पर सुरक्षित रूप से दोबारा बस सकें.
आल्मा पहाड़ी में 1989 के बाद सभी निर्माण अवैध
आल्मा पहाड़ी अवैध निर्माण से भरी पड़ी है. जिला विकास प्राधिकरण के अनुसार इस पूरे क्षेत्र में सारे भवन अवैध रूप से बनाए गए हैं. 1989 से 2022 तक यहां जितने भी मकान हैं सब अवैध रूप से बनाए गए हैं. अधिकतर भवन बिना नक्शा पास किए बने हैं. इसमें स्थानीय लोगों के साथ ही झील विकास प्राधिकरण में बैठे अधिकारियों की भी बड़ी भूमिका रही है. झील विकास प्राधिकरण की अनुमति के बिना नैनीताल में कोई भवन नहीं बन सकता. पर मौजूदा समय में नैनीताल में 500 से अधिक होटल हैं. नैनीताल में 10 हजार से अधिक भवन भी बन चुके हैं. अब जब लोगों की जान पर बन आई है तो घर खाली करने पड़ रहे हैं. जिम्मेदार विभागों के अधिकारियों को भी अवैध निर्माण की अब याद आ रही है.
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