
न्यूज़क्रेडिट:newsnationtv
देहरादून: धारचूला के सीमांत क्षेत्र सोबला में शुक्रवार देर शाम बादल फटने उपजाऊ जमीन पूरी तरह खत्म हो गई. भारत-चीन सीमा के पास बसे इस गांव के लिए जो वैली ब्रिज था, वह भी आपदा की भेंट चढ़ गया. ऐसे में लोगों को अब इस क्षेत्र में काफी दिक्कत हो रही हैं. लोगों ने लकड़ियों से एक अस्थाई पुल बनाया है, जिससे होकर लोग आवाजाही कर रहे हैं, लेकिन पानी बढ़ने पर यहां से गुजरना भी खतरे से खाली नहीं है. स्थानीय लोगों का कहना है कि उनके क्षेत्र में कोई भी विकास कार्य नहीं किया जाता है.
यहां की सड़कों की हालत सालों से ऐसे ही हैं. लोग परेशान हैं कि आखिरकार इन सड़कों से कैसे गुजरे. पत्थर गिरने से आए दिन कोई न कोई हादसे होते रहते हैं. यहां न बेहतर सड़क है, न चिकित्सा का कोई साधन. सोबला क्षेत्र में बादल फटने के बाद अब प्रशासन का ध्यान इस क्षेत्र की ओर छोड़ा गया है. यहां आनन-फानन में एक हेलीपैड बनाया गया है, जिससे इस क्षेत्र में आवाजाही के लिए हेलीकॉप्टर की मदद ली जा सके.
उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्र धारचूला के अंतर्गत भारत-चीन सीमा के गांव को जाने वाली सड़कों के हाल बेहाल हैं. बॉर्डर की सड़कें कई जगह मलबा आने से बाधित हो गई है. कई जगह भारी मलबे के कारण दुर्घटनाएं भी हुई हैं. भारत-चीन बॉर्डर सड़क पर गुजर रही एक गाड़ी में भारी गार्डर गिरने से गाड़ी पूरी तरह फंसी गई. ऐसे में जेसीबी मशीन के जरिए गाड़ी को निकाला गया. यहां रास्ता बंद होने के चलते लोगों को कई जगह पैदल सफर करना पड़ रहा है.