उत्तराखंड

अवैध खनन पर जुर्माना राशि घटाई

Admin Delhi 1
3 Jun 2023 7:23 AM GMT
अवैध खनन पर जुर्माना राशि घटाई
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देहरादून न्यूज़: कैबिनेट ने राज्य के मैदानी क्षेत्रों में नदी तट के खनन पट्टों का आवेदन शुल्क बढ़ाने को मंजूरी दे दी है. अवैध खनन पर लगने वाला जुर्माना घटाया गया है.

कैबिनेट में उपखनिज (परिहार) नियमावली-2023 को मंजूरी दी गई. इसके तहत खनन से जुड़े कई नियमों में बदलाव के साथ कुछ नई शर्तें जोड़ी गई हैं. मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु ने बताया कि खनन नीति को व्यावहारिक बनाया गया है. आज तक अलग अलग हुए बदलावों को जोड़ते हुए समग्र नीति बनाई गई है. उन्होंने बताया, नदी तल के खनन पट्टे के लिए आवेदन शुल्क अब तक एक लाख रुपये था जिसे दो लाख रुपये करने का निर्णय लिया गया है. पर्वतीय क्षेत्र के लिए यह शुल्क पूर्व की भांति एक लाख रुपये ही रहेगा.

अवैध खनन पर जुर्माना राशि में भी बदलाव किया गया है. अभी तक अवैध खनन पकड़े जाने पर अवैध उपखनिज की मात्रा पर रायल्टी का पांच गुना जुर्माना व दो लाख रुपये जुर्माना लगाया जाता था. अब अवैध खनन पर एक टन से 25 हजार टन तक रॉयल्टी का दोगुना, इससे ऊपर 50 हजार टन तक रायल्टी का तीन गुना, 50 हजार से एक लाख टन तक के लिए चार गुना जबकि एक लाख टन से अधिक उपखनिज पकड़े जाने पर रायल्टी का पांच गुना जुर्माना राशि वसूली जाएगी. खनन पट्टों के मामलों में अपील या पुनरीक्षण का शुल्क भी पांच हजार से बढ़ाकर बीस हजार कर दिया गया है.

●पट्टा ट्रांसफर करने पर फीस खनन पट्टा ट्रांसफर करने पर अब तक फीस नहीं थी. अब पट्टा किसी व्यक्ति, फर्म, कंपनी के नाम ट्रांसफर करने पर पांच हेक्टेयर तक दो लाख रुपये जबकि पांच हेक्टेयर क्षेत्रफल से अधिक पट्टे के लिए पांच लाख रुपये फीस ली जाएगी. फर्म में भागीदार जोड़ने या घटाने पर दो लाख रुपये का शुल्क चुकाना होगा.

●तहसीलदार भी कर सकेंगे निरीक्षण प्रदेश में खनन पट्टों की जांच अभी तक जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी स्तर के अफसर कर सकते थे. लेकिन अब यह अधिकार तहसीलदार और नायब तहसीलदार स्तर के अधिकारियों को भी दे दिया गया है. हालांकि निरीक्षण के लिए उन्हीं अधिकारियों को भेजा जा सकेगा जिन्होंने इस संदर्भ में एक सप्ताह की ट्रेनिग का प्रमाणपत्र लिया हो.

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