जनता से रिश्ता वेबडेस्क | उत्तराखंड में अब प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को फ्री इलाज की सुविधा मिल सकेगी। यही नहीं, मरीज अब सीधे ही प्राइवेट अस्पताल में भर्ती हो सकेंगे। आयुष्मान योजना के तहत मरीज इन सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। उत्तराखंड में पहाड़ की दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए इन क्षेत्रों में रेफर को अनिवार्य न करने का निर्णय लिया गया है।
दरअसल आयुष्मान योजना के तहत मरीजों को इमरजेंसी मामलों को छोड़कर पहले सरकारी अस्पताल से रेफर कराना पड़ता है। इस वजह से कई बार लोगों के इलाज में देरी होती है। मैदानी क्षेत्रों में सरकारी और प्राइवेट अस्पताल नजदीक हैं तो फिर भी समय कम लगता है।
लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों में रेफरल में बहुत अधिक समय लग जाता है। इससे मरीजों को परेशानी होने के साथ ही प्राइवेट अस्पतालों को भी दिक्कतें हो रही हैं। इस संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही थी। इसे देखते हुए अब राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में आयुष्मान योजना के तहत मरीजों को बिना रेफरल के भर्ती करने के निर्देश दिए गए हैं।
उत्तराखंड में पांच लाख रुपये के निशुल्क इलाज की आयुष्मान योजना में 175 अस्पताल इम्पैनल्ड हैं। जिसमें से 35 निजी अस्पताल पर्वतीय क्षेत्रों के हैं। सरकार ने अस्पताल संचालकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि मरीजों को उम्दा इलाज मुहैया करवाएं। चेताया कि इलाज में किसी भी तरह की कोताही बदर्शत नहीं की जाएगी।
आयुष्मान इलाज के बिलों पर मरीज के साइन अनिवार्य: राज्य में आयुष्मान योजना के तहत मरीजों के इलाज में फर्जीवाड़े के मामले सामने आने के बाद अब राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों के साइन अस्पताल द्वारा भुगतान के लिए भेजे जाने वाले बिलों पर अनिवार्य कर दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मई महीने से इस व्यवस्था को लागू किया जा रहा है। इससे इलाज पर होने वाले खर्च की जानकारी मरीज को भी रहेगी। गड़बड़ी होने पर मरीज आपत्ति दर्ज करा सकेंगे।
राज्य में आयुष्मान योजना के तहत अभी तक 48 लाख से अधिक लोग आयुष्मान कार्ड बना चुके हैं। इसमें से आधे से अधिक लोग पर्वतीय जिलों के हैं। ऐसे में सरकार के इस निर्णय का आम लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। इसके साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में खुले प्राइवेट अस्पतालों को भी इसका लाभ मिलेगा और उन्हें योजना में मरीज मिल जाएंगे।
पर्वतीय क्षेत्रों में मरीजों को इलाज मिलने में देरी न हो इसके लिए आयुष्मान योजना के तहत पहाड़ों में सीधे प्राइवेट अस्पतालों में इलाज की छूट दी गई है। इससे लोगों को समय पर इलाज मिल सकेगा और उन्हें सरकारी अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।