उत्तराखंड

एक कॉल और घर पर शराब, वो भी एमआरपी से कम रेट पर

Admin Delhi 1
8 Feb 2023 11:14 AM GMT
एक कॉल और घर पर शराब, वो भी एमआरपी से कम रेट पर
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हल्द्वानी: खाना हो नाश्ता, एक फोन घुमाइए और सबकुछ घर में हाजिर। इंटरनेशल हो चुके इस धंधे का गुर अब जरायम की दुनिया के गुर्गे भी सीख चुके हैं। कहने का मतलब अब खाना और नाश्ता ही नहीं, बल्कि एक कॉल पर अब शराब लोगों के घर पहुंच रही है।

खास बात यह है कि शहर में तमाम शराब तस्कर अब इसी गुर से धन्नासेठ बन रहे हैं और इसका खुलासा सोमवार को एसओजी की छापेमारी के बाद हुआ।

बता दें कि सोमवार को एसओजी ने गोविंदनगर सुभाषनगर स्थित एक घर में छापेमारी कर 50 पेटी अंग्रेजी शराब बरामद की थी और मौके से घर के मालिक गुरप्रीत सिंह उर्फ मोंटू पुत्र अमरीक सिंह को गिरफ्तार किया था। जबकि यहीं रहने वाला मोंटू का साथी रवींद्र मौके से फरार हो गया था। पुलिस की पूछताछ में मोंटू ने बताया था कि वह शराब से लाता था और फिर सस्ते दामों में उन्हें सप्लाई करता था।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक अमन और मोंटू का यह खेल लंबे समय से चल रहा था। दोनों बाहरी राज्यों से सस्ते दामों में शराब लेते थे और यहां (हल्द्वानी) के शराब ठेकों में मिलने वाली शराब के दामों से भी कम दाम में सप्लाई करते थे। शराब सप्लाई का ये धंधा पूरी तरह नेटवर्किंग पर निर्भर था। यानि शराब के लिए लोग इन्हें खुद फोन करते थे।

जिसके बाद तस्करों के गुर्गे अपने वाहनों से ग्राहक तक शराब पहुंचाते थे। ये धंधा इसलिए भी फल-फूल रहा था, क्योंकि शराब सस्ते दामों पर सप्लाई की जा रही थी। एक बात और सामने आई है कि ये जिन राज्यों से शराब मंगाते थे, वहां शराब के दाम उत्तराखंड की शराब से बेहद कम होते थे। सोमवार को पुलिस ने इनसे जो शराब बरामद की है, उसमें 100 पाइपर वैलेंटाइन, ब्लंडर, टीचर्स, रेडलेबल जैसी महंगी शराब शामिल है। जबकि सस्ते ग्राहकों के लिए सस्ती मैक्डॉवल, ओल्ड मोंक, मैजिक मूवमेंट, 8पीएम, इंपीरियल ब्लू और सिग्नेचर जैसे ब्रांड भी तस्करों के पास मौजूद थे।

बनभूलपुरा में पुश्तैनी धंधा बना शराब तस्करी

हल्द्वानी। चरस और स्मैक बेचने वालों का गढ़ बन चुके बनभूलपुरा में शराब तस्करी का भी पुरानी धंधा है। यहां एक परिवार है, जिसका शराब तस्करी पुश्तैनी धंधा बन चुका है। सूत्रों के मुताबिक इस तस्कर का नाम सचिन है और सचिन इस पेशेवर परिवार की तीसरी पीढ़ी का तस्कर है। सचिन का धंधा भी मोंटी और अमन की तर्ज पर ही चलता है। सचिन पकड़ा भी जा चुका है, लेकिन धंधा बदस्तूर जारी है।

होटल और ढाबे वालों से है तस्करों के सेटिंग

हल्द्वानी : होटल और ढाबे वाले इन शराब तस्करों के धंधे की रीढ़ हैं। शहर में ऐसे शराब तस्करों की कमी नहीं है, जो मोबाइल के बूते होम डिलीवरी का धंधा करते हैं और इस धंधे को मजबूती देने के लिए ये शराब तस्कर होटल और ढाबे वालों को जोड़ कर रखते हैं। ग्राहकों की डिमांड पर इनके संचालक फोन कर मौके पर ही शराब उपलब्ध करा देते हैं और इसका कमीशन भी संचालकों को मिलता है।

बढ़ रहा शहर और कम पड़ रहे शराब ठेके

हल्द्वानी। शराब तस्करी के धंधा फल-फूल रहा है तो इसके पीछे एक ठोस वजह है। वजह यह है कि शहर का विस्तार तो तेजी से हो रहा है, लेकिन शराब ठेकों की संख्या उतनी ही है। मुख्य शहर को छोड़ दें तो नए बने इलाकों में शराब के ठेके नहीं है। गौलापार ऐसा ही एक बड़ा क्षेत्र है, जहां शराब के ठेके नहीं है। ऐसे में इन शराब तस्करों को अपनी जड़ें मजबूत करने में आसानी होती है।

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