उत्तराखंड
विजिलेंस के रडार पर 2015 दरोगा भर्ती के 120 दरोगा, जानिए पूरी खबर
Gulabi Jagat
23 Sep 2022 6:39 AM GMT

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अब दारोगा भर्ती की भी जांच शुरू हो गई है। इसमें भी धांधली की शिकायत सामने आई है। इसके बाद डीजीपी ने 2015 में हुए दारोगा भर्ती की जांच विजिलेंस के हवाले कर दी है।दारोगा भर्ती घोटाले का जिन्न जल्द बाहर आएगा। विजिलेंस की जांच शुरू होते ही दारोगाओं में हड़कंप मचा है। कुमाऊं परिक्षेत्र में 2015 बैच के 120 दारोगा हैं। सभी को जांच के दायरे में शामिल किया गया है।
एसटीएफ ने डीजीपी को दी थी धांधली की जानकारी
स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) पेपर लीक मामले की जांच की थी। इसी दौरान एसटीएफ को उत्तराखंड में वर्ष 2015 में हुए दारोगा भर्ती में घोटाले की जानकारी मिली थी। एसटीएफ ने इस संबंध में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार को अवगत कराया था2015 में भर्ती हुए थे 339 दारोगा
शासन स्तर से दारोगा भर्ती घोटाले की जांच के आदेश हुए। विजिलेंस को इसका जिम्मा सौंपा गया है। विजिलेंस सूत्रों के अनुसार वर्ष 2015 में उत्तराखंड में 339 दारोगा भर्ती हुए। कुमाऊं में 120 दारोगा तैनात हैं।
जिसमें 46 ऊधमसिंह नगर व 38 नैनीताल जिले में तैनात हैं। इसी तरह पिथौरागढ़ में 15 और अल्मोड़ा, चंपावत व बागेश्वर में सात-सात दारोगा सेवारत हैं। सभी दारोगाओं का मुख्यालय से रिकार्ड लेकर जांच शुरू कर दी गई है।दारोगा भर्ती में कई ऐसे लोग टापर हो गए, जिन्हें पुलिस की कार्यप्रणाली के बारे में पता नहीं है।
कई दारोगाओं को हिंदी लिखने में भी दिक्कत होती है। विजिलेंस सूत्रों के अनुसार सबसे पहले टापरों की जांच की जा रही है। नैनीताल जिले में तैनात कुछ दारोगाओं की भूमिका शुरू से संदिग्ध मानी जा रही है। कुछ दारोगा टापर लिस्ट में भी शामिल हैं। ऐसे दारोगाओं पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है।

Gulabi Jagat
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