देहरादून न्यूज़: जहां एक ओर सीएम पुष्कर धामी के निर्देश पर वन मुख्यालय जंगलों में अतिक्रमण करने वालों पर शिकंजा कसता जा रहा है, वहीं अब अतिक्रमण हटाने में लापरवाही बरतने वालों पर भी सख्ती होने जा रही है. इनकी निगरानी के लिए हर जिले में टीमों का गठन किया जा रहा है.
वन भूमि पर अतिक्रमण हटाने को नोडल अफसर बनाए गए सीसीएफ डॉ. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि जल्द ही सभी जिलों में टीमों का गठन किया जाएगा. यह टीमें गोपनीय रूप से वन भूमि पर अतिक्रमण का निरीक्षण करेंगी. इसके बाद अपनी रिपोर्ट देंगी कि अतिक्रमण के खिलाफ रेंजर और डीएफओ स्तर से कितनी प्रभावी कार्रवाई हुई. कार्रवाई ना होने पर जिम्मेदार अफसर का जिक्र भी इस रिपोर्ट में किया जाएगा. इसके बाद रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाएगी, जहां से संबंधित रेंजर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अगर डीएफओ की लापरवाही भी सामने आई तो उन पर कार्रवाई के लिए शासन को लिखा जाएगा.
नए अतिक्रमण की सूचनाएं नहीं डॉ. धकाते के अनुसार, 20 अप्रैल को तत्कालीन पीसीसीएफ विनोद सिंघल की अध्यक्षता में चीफ गढ़वाल और चीफ कुमाऊं के साथ कॉर्बेट, राजाजी और अन्य पार्क निदेशकों की बैठक ली गई थी. तब 2020 के बाद हुए अतिक्रमण, खासकर धर्मस्थलों के नाम पर अवैध निर्माण चिन्हित कर तीन दिन में रिपोर्ट मांगी गई थी. लेकिन, आज तक पूरी रिपोर्ट नहीं आई है.