उत्तराखंड

अब समिति के फैसले का इंतजार, पैरामेडिकल और नर्सिंग के दाखिले

Admin4
31 Aug 2022 10:16 AM GMT
अब समिति के फैसले का इंतजार, पैरामेडिकल और नर्सिंग के दाखिले
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प्रदेश में पिछले छह साल से नर्सिंग-पैरामेडिकल कोर्स की फीस तय नहीं हुई है। नर्सिंग व पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए एचएनबी मेडिकल विवि ने प्रवेश परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए काउंसिलिंग शुरू होनी है। विवि के कुलपति का कहना है कि अभी कॉलेजों का शुल्क भी निर्धारित नहीं है।
प्रदेश में नर्सिंग-पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए काउंसिलिंग का समय आ गया, लेकिन अब तक न तो कॉलेज की फीस तय है और न ही नर्सिंग की मान्य सीट की जानकरी मिली है। एमबीबीएस-एमडी, एमएस कोर्स के लिए प्राइवेट कॉलेज का शुल्क भी निर्धारित नहीं किया गया। नर्सिंग-पैरामेडिकल की स्थिति यह है कि फीस छह साल से तय नहीं की गई। अंतरिम शुल्क के आधार पर इस कोर्स में प्रवेश दिया जा रहा है। सभी को प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति के फैसले का इंतजार है।
छह साल से तय नहीं हुई नर्सिंग-पैरामेडिकल की फीस
प्रदेश में नर्सिंग व पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए एचएनबी मेडिकल विवि ने प्रवेश परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए काउंसिलिंग शुरू होनी है। विवि के कुलपति प्रो. हेमचंद्र का कहना है कि अभी कॉलेजों का शुल्क भी निर्धारित नहीं है। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं, इंडियन नर्सिंग काउंसिल से अभी तक किसी भी कॉलेज की सीट का ब्यौरा नहीं मिला है। नर्सिंग काउंसिल ने ही सभी नर्सिंग पाठ्यक्रमों में दाखिले की अंतिम तिथि 31 अक्तूबर तय की है।
एमबीबीएस-एमडी, एमएस की फीस का भी पता नहीं
प्रदेश के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की फीस वर्ष 2019 में सत्र 2021 तक के लिए तय हुई थी। सरकारी मेडिकल कॉलेजों के लिए शुल्क का शासनादेश गत वर्ष जारी हुआ था। अब नीट यूजी प्रवेश परीक्षा का परिणाम सितंबर के पहले सप्ताह में जारी होने के बाद काउंसिलिंग होनी है। जो छात्र इसमें सफल होंगे उन्हें पता ही नहीं कि कितना शुल्क देना होगा। इसी तरह एमडी-एमएस कोर्स का शुल्क भी तय नहीं।
प्राइवेट कॉलेजों की 50 प्रतिशत एमबीबीएस सीट पर राज्य शुल्क
नेशनल मेडिकल कमीशन ने पिछले दिनों एक आदेश जारी किया था, जिसके तहत प्राइवेट मेडिकल कॉलेज, यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की 50 प्रतिशत राज्य कोटे की सीटों पर भी राज्य सरकार को ही शुल्क लेना होगा। अभी तक यह कॉलेज महंगे शुल्क पर राज्य कोटे की सीटों पर दाखिला देते आए हैं। इस आदेश का प्रस्ताव चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति को भेज दिया है।
पहले तीन साल का शुल्क स्थायी, तब नया शुल्क तय होगा
प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति के अध्यक्ष की कुर्सी 2019 से खाली थी। फरवरी 2022 में नए अध्यक्ष ने ज्वाइन किया है। सभी प्राइवेट कॉलेजों में विभिन्न कोर्स में अंतरिम शुल्क के आधार पर तीन साल तक प्रवेश दिए गए थे। अब समिति में इस शुल्क को स्थायी करने की प्रक्रिया चला रही है। इसके तहत शुल्क कम भी हो सकता है और मामूली बढ़ोतरी भी संभव है। वहीं, एमबीबीएस, एमडी-एमएस, नर्सिंग-पैरामेडिकल, तकनीकी कोर्सेज का नए सत्र का शुल्क इसके बाद तय किया जाएगा। इसके लिए 14 सितंबर को प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति की बैठक बुलाई गई है।
पुराने तीन साल का शुल्क कॉलेजों का तय नहीं था। जिस अंतरिम शुल्क पर दाखिले हुए थे, उसे स्थायी करने पर काम चल रहा है। इसके बाद नए सत्र के लिए शुल्क तय किया जाएगा। 14 सितंबर को बैठक होगी, जल्द ही बेहतर फैसले होंगे।
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