अब अधिकारी खराब सड़क के चलते हुए हादसे को लेकर होंगे जिम्मेदार
नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) खराब सड़क के चलते होने वाली घातक या गंभीर दुर्घटनाओं के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराएगा। अब खराब सड़क इंजीनियरिंग कार्यों के कारण होने वाली किसी भी घातक या गंभीर दुर्घटना के लिए अधिकारी जिम्मेदार होंगे। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इस संबंध में सर्कुलर जारी किया। पिछले महीने टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की पालघर में एक दुर्घटना में उनकी कार के डिवाइडर से टकरा जाने से मौत हो गई थी। इसी को देखते हुए यह फैसला किया गया है। प्राधिकरण ने सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों की लापरवाही पर गंभीरता से विचार किया है।
सर्कुलर में कहा गया है, 'यह ध्यान में आया है कि रोड मार्किंग, रोड साइनेज, क्रैश बैरियर जैसे सुरक्षा कार्यों को पंच सूची में रखकर सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे हैं। इससे न सिर्फ यात्रियों की सुरक्षा से समझौता होता है, बल्कि दुर्घटना/मौत होने पर एनएचएआई का नाम भी खराब होता है।' मालूम हो कि लंबित कार्यों को एक श्रेणी के तहत रखा जाता है, जिसे पंच सूची कहा जाता है। एनएचएआई ने कहा, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सर्टिफिकेट जारी करने से पहले सड़क सुरक्षा से संबंधित सभी काम पूरे हैं। घटिया सड़क इंजीनियरिंग कार्यों के चलते हुई किसी भी घातक सड़क दुर्घटना के लिए क्षेत्रीय अधिकारी/परियोजना निदेशक/स्वतंत्र इंजीनियर जिम्मेदार होंगे।
अथॉरिटी ने कहा कि पंच सूची में वही कार्य शामिल करने चाहिए, जो सड़क सुरक्षा से संबंधित नहीं हैं। इस सूची के कार्यों को 30 दिनों के भीतर पूरा करना चाहिए। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले नितिन गडकरी ने कहा था कि कंसल्टेंट की ओर से तैयार विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) में गलतियां सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण हैं। उन्होंने कहा कि डीपीआर तैयार करने में कहीं अधिक सावधानी और कई गुना बदलाव लाने की जरूरत है। सरकार की ओर से संसद में यह जानकारी दी गई कि देश में वर्ष 2017 से 2020 के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में 4.46 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में यह जानकारी दी थी। इसके अनुसार, सड़क दुर्घटनाओं में वर्ष 2017 में 1,47,913 लोगों की मौत हुई। इसी तरह वर्ष 2018 में 1,51,417, वर्ष 2019 में 1,51,113 और 2020 में 1,31,714 लोगों की मौत हुई।
हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कुछ सड़क दुर्घटनाओं को दोषपूर्ण परियोजना रिपोर्टों के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने राजमार्गों और अन्य सड़कों के निर्माण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए कंपनियों को उचित प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया है।