
न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व सदस्य दीवान सिंह भैंसोड़ा ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। 2016 में हुई वीपीडीओ भर्ती में गड़बड़ियों की जांच भी एसटीएफ से कराने की मांग है। भर्ती परीक्षा में आरोप लगे थे कि ओएमआर शीट को दो सप्ताह तक किसी गुप्त स्थान पर रखकर उससे छेड़छाड़ की गई थी। इसके बाद रिजल्ट जारी हुआ था।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की 2016 में हुई वीपीडीओ भर्ती की जांच को लेकर अब आयोग के पूर्व सदस्यों ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। उन्होंने मांग की है कि वर्तमान की स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक की तरह ही 2016 की भर्ती की जांच भी एसटीएफ से कराई जाए।
अमर उजाला से बातचीत में आयोग के पूर्व सदस्य दीवान सिंह भैंसोड़ा ने बताया कि वह लगातार 2016 की वीपीडीओ भर्ती में गड़बड़ी तथ्यों के साथ उठाते आ रहे हैं। पूर्व सीएम हरीश रावत के कार्यकाल में एसआईटी जांच हुई थी। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के कार्यकाल में जैसे ही ओएमआर शीट में छेड़छाड़ की फॉरेसिंक जांच में पुष्टि हुई थी तो उन्होंने विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे।
इसके बाद विजिलेंस ने मामले में मुकदमा भी दर्ज कर लिया था लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई। पूर्व सदस्य भैंसोड़ा ने वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और एसटीएफ की तारीफ करते हुए कहा कि एक भर्ती में गड़बड़ी पर 20 दिन के भीतर 20 लोग जेल की सलाखों के पीछे जा चुके हैं और एक भर्ती में विजिलेंस मुकदमें से आगे नहीं बढ़ रही है। लिहाजा, उन्होंने मुख्यमंत्री धामी से मांग की है कि 2016 की वीपीडीओ भर्ती में ओएमआर से छेड़छाड़ की जांच भी एसटीएफ के हवाले की जाए।
यह था मामला
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने छह मार्च 2016 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीपीडीओ) के 196 पदों पर भर्ती की परीक्षा कराई थी। इसका परिणाम उसी साल 26 मार्च को जारी किया था। इस भर्ती परीक्षा में आरोप लगे थे कि ओएमआर शीट को दो सप्ताह तक किसी गुप्त स्थान पर रखकर उससे छेड़छाड़ की गई थी। इसके बाद रिजल्ट जारी हुआ था।
इस भर्ती में दो सगे भाईयों के टॉपर बनने के साथ ही ऊधमसिंह नगर के एक गांव के 20 से ज्यादा युवाओं के चयन का आरोप लगा था। एक दिसंबर 2017 को वीपीडीओ भर्ती को निरस्त कर दोबारा से लिखित परीक्षा कराने के आदेश हाईकोर्ट ने दिए थे। आयोग ने 25 फरवरी 2018 को दूसरी बार परीक्षा कराई।
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पूर्व परीक्षा में चयनित हुए 196 उम्मीदवारों में से दूसरी परीक्षा में केवल आठ का चयन हुआ था। इस मामले में अब तक ओएमआर सीट से छेड़छाड़, दो सगे भाई पास होने, परीक्षा के टॉपर को 10वीं से 12वीं तक जाने में चार साल लगने और ऊधमसिंहनगर के महुआडाबरा गांव के 20 से ज्यादा युवाओं के चयन की पुष्टि भी हुई थी।