उत्तराखंड
अब रोडवेज बसों के ड्राइवर खाकी और कंडक्टर स्लेटी रंग की वर्दी में आएंगे नजर, विभाग ने चंडीगढ़ विवाद से लिया सबक
Renuka Sahu
14 July 2022 3:13 AM GMT
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फाइल फोटो
अब रोडवेज बसों के ड्राइवर खाकी और कंडक्टर स्लेटी रंग की वर्दी में नजर आएंगे।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अब रोडवेज बसों के ड्राइवर खाकी और कंडक्टर स्लेटी रंग की वर्दी में नजर आएंगे। परिवहन निगम ने इसके लिए ड्रेस कोड जारी करते हुए प्रति ड्राइवर, कंडक्टर तीन-तीन हजार रुपये वर्दी भत्ता देने का निर्णय लिया है। परिवहन निगम के महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक, रोडवेज के सभी नियमित, संविदा, विशेष श्रेणी ड्राइवर, कंडक्टरों के लिए यह ड्रेस कोड होगा।
इसके तहत ड्राइवरों को खाकी रंग की शर्ट या कोट और पैंट पहननी होगी। इस शर्ट पर सामने चार जेब होंगी। इसके साथ ही खाकी टोपी या पगड़ी होगी। वहीं, कंडक्टरों को स्लेटी रंग की पैंट, शर्ट या कोट और टोपी पहननी होगी। इनकी शर्ट पर भी सामने चार जेब होंगी। सभी ड्राइवर, कंडक्टर की सीने की जेब पर काली प्लास्टिक पर सफेद अक्षरों में लिखी हुई नेम प्लेट भी लगाई जाएगी, जिसमें उस कर्मचारी का नाम और पदनाम अंकित होगा।
वर्दी के लिए सभी ड्राइवर, कंडक्टरों को तीन-तीन हजार रुपये भत्ता दिया जाएगा। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह उत्तराखंड परिवहन निगम की एक रोडवेज बस का वर्दी न होने पर चंडीगढ़ में भारी भरकम चालान हो गया था। लिहाजा, निगम ने इस बार सख्ती के साथ वर्दी को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं।
बिना वर्दी आने वालों पर 250 रुपये जुर्माना
परिवहन निगम ने वर्दी तय करते हुए इससे संबंधित दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं। हर ड्राइवर, कंडक्टर को वर्दी भत्ता मिलने के 15 दिन के भीतर अपनी वर्दी तैयार करानी होगी। सभी डिपो के केंद्र प्रभारी, समयपाल की यह जिम्मेदारी होगी कि वह ड्यूटी स्लिप देते समय वर्दी का ध्यान रखें। मार्ग पर निरीक्षण के दौरान सभी अधिकारियों को भी ड्राइवर, कंडक्टर की वर्दी देखनी होगी। अगर कोई ड्राइवर या कंडक्टर बिना वर्दी ड्यूटी पर आता है तो अपरिहार्य स्थिति को छोड़कर उसे 250 रुपये जुर्माना देना होगा। इसके बाद वह ड्यूटी कर सकेगा। अगर कोई लगातार बिना वर्दी आएगा तो उससे वर्दी की धनराशि वसूलते हुए उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
3000 रुपये में एक साल की वर्दी कैसे चलेगी
परिवहन निगम की ओर से शर्ट या कोट के साथ पैंट और टोपी के लिए तीन हजार रुपये वर्दी भत्ता तय किया है। इस रकम को लेकर सवाल उठ रहे हैं। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रांतीय महामंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि तीन हजार रुपये में एक कोट बनवाना भी मुश्किल है। उन्होंने कहा कि अगर सालभर वर्दी पहननी है तो एक वर्दी से कैसे काम चलेगा। कम से कम दो पैंट, दो शर्ट होनी चाहिए। सर्दियों के लिए कोट होना चाहिए। लिहाजा, उन्होंने मांग की है कि कम से कम आठ से दस हजार रुपये वर्दी भत्ता दिया जाए।
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