उत्तराखंड

पैरेंट्स मीटिंग का अब पुलिस भी बनेगी हिस्सा, जानिए क्यों

Admin Delhi 1
6 Dec 2022 2:39 PM GMT
पैरेंट्स मीटिंग का अब पुलिस भी बनेगी हिस्सा, जानिए क्यों
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हल्द्वानी न्यूज़: स्कूल में होने वाली पैरेंट्स मीटिंग का अब पुलिस भी हिस्सा बनेगी और इसकी वजह है नाबालिगों व छात्र-छात्राओं के बीच नशे का बढ़ता शौक। कोतवाली के सभागार में प्राचार्य और स्कूल प्रबंधकों के साथ हुई बैठक में एसएसपी पंकज भट्ट ने स्पष्ट कर दिया कि अभिभावक और स्कूल प्रबंधन इसका ख्याल रखें कि बच्चे किसी भी सूरत दो पहिया और चार पहिया वाहन न चलाने पाएं। अन्यथा अब अभिभावकों के साथ स्कूल पर भी कार्रवाई की जाएगी।

मंगलवार को हुए बैठक में एसएसपी पंकज भट्ट ने हल्द्वानी और लालकुआं में स्थित कक्षा नौ से 12 तक के स्कूलों का संचालन करने वाले प्रधानाचार्य व प्रबंधकों को बुलाया गया। जिसमें सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिह, एसपी क्राइम डॉ. जगदीश चंद्र, सीओ सिटी भूपेंद्र सिंह धौनी समेत कई थानों और चौकी के प्रभारी मौजूद थे। एसएसपी ने अपने संबोधन में कहा कि नाबालिग वाहन चालकों पर लगातार कार्रवाई के बावजूद नाबालिग वाहन चलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। अगर अब भी नाबालिगों को वाहन देना बंद नहीं किया गया तो परिजनों के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा। इसमें स्कूल पर भी कार्रवाई की जाएगी।

नाबालिगों और युवाओं में बढ़ते स्मैक व अन्य नशे के शौक को लेकर एसएसपी ने कहा कि हर महीने स्कूल में होने वाली पैरेंट्स मीटिंग में पुलिस को भी शामिल किया जाए। ताकि बच्चों और अभिभावकों को नशा, यातायात व अन्य मामलों पर जागरुक किया जा सके। एसएसपी ने कहा कि अमूमन देखा जाता है कि स्कूल संचालक बिना सत्यापन के ही स्कूल वाहनों पर ड्राइवर, कंडक्टर और स्कूलों में चौकीदारों की तैनाती कर लेते हैं। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। सभी स्कूल संचालकों को अपने कर्मचारियों का सत्यापन कराने के निर्देश दिए।

पड़ोसी का घर जला तो आग तुम्हारे घर भी लगेगी: एसएसपी पंकज भट्ट ने यह माना कि पिछले कुछ सालों में स्मैक का चलन तेजी से बढ़ा है और इसके सबसे ज्यादा शिकार स्कूल व कॉलेज में पढ़ने वाले नाबालिग और युवा हो रहे हैं। पुलिस स्मैक पकड़ भी रही है, लेकिन सप्लाई हो रही स्मैक का सिर्फ 25 प्रतिशत है, जबकि बाकी का पकड़ा नहीं जाता। उन्होंने यह भी स्पष्ट कि स्मैक वो आग है जो अगर पड़ोसी के घर लगी तो एक दिन आपके घर भी जरूर लगेगी। इसलिए इसके प्रति सभी को जागरुक होना होगा।

सस्ते सीसीटीवी लगाकर खाना-पूर्ति न करें: बैठक में स्पष्ट किया गया कि स्कूल संचालक स्कूलों में अनिवार्य रूप से सीसीटीवी लगाएं, लेकिन सस्ते सीसीटीवी लगाकर खाना-पूर्ति न करें। अधिकारियों ने हाल में हुई घटनाओं का हवाला देते हुए कहाकि आज के दौर में सीसीटीवी अपराध न सिर्फ अनावरण में बल्कि रोकथाम में भी सहायक हैं, लेकिन यह तभी संभव है कि जब सीसीटीवी अच्छी क्वालिटी के लगाए जाएं। आमतौर पर सस्ते सीसीटीवी लगा कर इतिश्री कर ली जाती है इसमें चेहरे तक पहचान में नहीं आते।

हर किसी के लिए मददगार है पुलिस का एक ऐप: बैठक में पुलिस ने यातायात को लेकर लंबी चर्चा की। एसपी क्राइम/यातायात डॉ.जगदीश चंद्र ने अपराध और यातायात को लेकर अहम जानकारी साझा की। साथ ही उत्तराखंड पुलिस एप के बारे में बताया। उन्होंने बैठक के दौरान न सिर्फ लोगों से मोबाइल में ऐप डाउनलोड कराया, बल्कि यह भी बताया कि पुलिस यह एक ऐप किस तरह से मददगार है। बैठक में उन्होंने स्कूल प्रबंधकों और संचालकों से कहाकि वह स्कूल में बच्चों को भी इसके बारे में जानकारी दें और बच्चों से ऐप डाउनलोड कराएं।

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