
न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
उत्तराखंड के रामनगर में बहन की खुदकुशी का बदला लेने के लिए सैन्यकर्मी ने व्यापारी को ठिकाने लगा दिया और खुद जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गया। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि बहन की खुदकुशी के लिए वह व्यापारी को ही जिम्मेदार मानता था। एसपी सिटी हरबंस सिंह ने बताया कि हत्यारोपी सैन्यकर्मी भरत आर्य के पिता की चोरपानी में लोहार की दुकान है। दुकान के बगल में ही सुहेल सिद्दीकी की स्टेशनरी की बीते दस साल से दुकान है।
हत्यारोपी ने बताया कि सेना में जाने से पहले वह कभीकभार सुहेल की दुकान पर बैठ जाता था और उसके छोटे-मोटे काम कर देता था। इस वजह से दोनों में अच्छी बोलचाल थी। इस बीच उसकी छोटी बहन सुहेल के कुत्तों के लिए घर से रोटी आदि बनाकर ले जाने लगी। इस बात का गलत फायदा उठाकर उसने उसे अपने प्रेम जाल में फंसा लिया। 2017 में बहन को सुहेल के दूसरी लड़की से प्रेम प्रसंग के बारे में पता चला तो उसने दुखी होकर जहर खाकर आत्महत्या कर ली। इसके कुछ समय बाद सुहेल बहन की मौत को लेकर उस पर गलत कमेंट करता था। भरत के अनुसार, उस समय घर की आर्थिक स्थिति खराब थी। उन दिनों नौकरी की शुरुआत थी और वह ट्रेनिंग पीरियड में था।
एसपी क्राइम के अनुसार, हत्यारोपी भरत ने बताया कि कुछ समय पहले उसने सुहेल की हत्या करने की ठान ली। इस बार 14 जुलाई को एक महीने की छुट्टी लेकर आया था। घर आने के 3-4 दिन बाद जब वह पिता की दुकान पर गया तो सुहेल ने उसे उपहास भरी नजर से देखा। इस पर उसकी नाराजगी और बढ़ गई। उसने सुहेल की हत्या के लिए अपने दोस्त दिनेश टम्टा को तैयार किया। उसके बाद दो अगस्त की रात उन्होंने घटना को अंजाम दे दिया।
एसपी सिटी हरबंश सिंह ने बताया कि आरोपी सैन्यकर्मी को पकड़ने के बाद जब पूछताछ की गई तो वह गुमराह करने लगा। उसने बताया कि शव मालधन के तुमड़िया डैम में डाल दिया है। पुलिस ने वहां जाकर तलाश किया तो कुछ नहीं मिला। बृहस्पतिवार देर रात जब सख्ती से पूछताछ की गई तब आरोपी ने बताया कि शव मुरादाबाद में फेंका है। शव तलाशने के लिए आरोपी को मौके पर ले जाया गया वह भूल गया कि शव कहां फेंका है। ऐसे में मुरादाबाद के छजलैट थाने में जानकारी की तो वहां पर मृतक की बाइक लावारिस में दाखिल थी। वहां की पुलिस को साथ लेकर बाइक मिलने की जगह पर पहुंचे, तब वहां से कुछ दूरी पर एक प्लास्टिक के कट्टे में फेंका गया शव बरामद हुआ।
कोतवाली में उस समय हंगामा हो गया जब मृतक व्यापारी के परिजन लोगों के साथ धरने पर बैठ गए। आक्रोशित लोगों ने आरोपी सैन्यकर्मी के परिवार के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी की मांग उठाई। एसपी क्राइम ने किसी तरह आक्रोशित लोगों को समझाया। मुरादाबाद में पोस्टमार्टम के बाद सुहेल का शव शुक्रवार रात आठ बजे रामनगर लाया गया। शव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया।
जामा मस्जिद के कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस दौरान सैकड़ों लोग मौजूद रहे। इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा। मृतक सुहेल सिद्दीकी पांच भाइयों में तीसरे नंबर का था। बड़े भाई मंसूर, शादाब जबकि छोटे भाई जुनैद व जुबेर हैं। उसकी दोनों बहनों की शादी हो चुकी है। सुहेल अविवाहित था। मुरादाबाद में पोस्टमार्टम करने में देरी हुई तो रात करीब आठ बजे शव रामनगर लाया जा सका।
सुहेल सिद्दीकी व्यवसायी के साथ एक अच्छा खिलाड़ी भी था। उसकी दिनचर्या खेल मैदान से शुरू होती थी। 35 वर्षीय सुहेल उर्फ सोनू को क्रिकेट खेलने का ऐसा जुनून था कि चाहे कोई भी मौसम हो वह सुबह पांच बजे खेल के मैदान में दिखेगा। सुहेल विकेटकीपर के साथ शानदार बल्लेबाज था। नए खिलाड़ियों को बॉल रोकने की टिप्स सिखाते उसकी आवाज खेल मैदान में गूंजती थी। हंसमुख चेहरे वाला सुहेल मीडिया क्लब का कोच भी था। उसके ऐसे चले जाने से खिलाड़ियों के साथ ही खेलप्रेमियों में भी मातम छाया हुआ है। वह कई क्रिकेट क्लबों की ओर से खेलता था।
