नैनीताल न्यूज़: चमोली हादसे के दूसरे दिन ऊर्जा निगम और जल संस्थान ने अपनी अपनी गलती मानते हुए अपने एक एक इंजीनियर को निलंबित कर दिया. जबकि दोनों विभाग खुद को पाक साफ बताते हुए एक दूसरे को घटना के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे थे.
ऊर्जा निगम ने तो बाकायदा लिखित में समयवार पूरा ब्यौरा जारी किया था. दावा किया गया था कि ऊर्जा निगम को घटना की कोई जानकारी नहीं थी. उनके पास एक फेस न आने की शिकायत आई थी, जिसे फॉल्ट दूर कर ठीक कर दिया गया था. लाइन चार्ज कर दी गई थी. इसी के बाद एसटीपी परिसर के भीतर से स्विच ऑन किया गया. ऐसे में ऊर्जा निगम की कोई गलती नहीं है. दूसरी ओर जल संस्थान का तर्क था कि लाइन में अधिक वोल्टेज आने के कारण ही हादसा हुआ.
अब इंजीनियरों को निलंबित करने के बाद दोनों एजेंसियों के अफसर बगले झांक रहे हैं. अब कोई ये बताने को तैयार नहीं है कि किस आधार पर वे खुद को पाक साफ बता रहे थे. अब अचानक कैसे गलती नजर आई और कैसे निलंबन तक कर दिया गया. दोनों एजेंसियां जांच रिपोर्ट आने तक इंतजार करने की बात कर रही हैं.
एनएमसीजी को अब आई ट्रेनिंग की याद
चमोली हादसे के बाद नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के अफसरों को हादसों से बचने को ट्रेनिंग देने की याद आई. उत्तराखंड में सभी एसटीपी से जुड़े इंजीनियरों को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी गई. बताया गया कि किस तरह इस तरह के हादसों से बचा जा सकता है. प्लांट साइट पर किन-किन सुरक्षा मानकों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. दूसरी ओर चमोली एसटीपी साइट पर एनएमसीजी की भी टीम मौजूद रही.
हादसे की जांच को मौके पर पहुंची अफसरों की भीड़
देहरादून. चमोली एसटीपी हादसे के बाद सभी सम्बन्धित विभाग के अफसरों ने घटना स्थल की ओर दौड़ लगा दी. सचिव पेयजल अरविंद सिंह ह्यांकी समेत जल निगम, जल संस्थान, यूपीसीएल, विद्युत सुरक्षा विभाग के अफसर मौके पर पहुंचे. सभी अपने-अपने स्तर से दिन भर जांच पड़ताल में जुटे रहे. सचिव पेयजल अरविंद सिंह ह्यांकी ने सीजीएम नीलिमा गर्ग, मुख्य अभियंता जल निगम संजय सिंह समेत अन्य अफसरों के साथ मौके पर पहुंच पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली. घटनास्थल को भी देखा. जिस एसटीपी में ये हादसा हुआ, उसके संचालन का जिम्मा जल संस्थान के पास है. यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार भी निदेशक ऑपरेशन एमएल प्रसाद, मुख्य अभियंता गढ़वाल मदनराम आर्य के साथ मौके पर पहुंचे. जांच पड़ताल की, हालांकि कोई जांच को लेकर खुल कर कुछ बोलने को तैयार नहीं हुआ. विद्युत सुरक्षा निदेशक जीसी पांडेय भी दिन भर अपनी टीम के साथ एसटीपी परिसर की जांच पड़ताल में जुटे रहे. जांच को भी जारी रहेगी. निदेशक पांडेय ने बताया कि अभी कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हैं. जल्द रिपोर्ट निष्कर्ष के साथ जमा करा दी जाएगी.