उत्तराखंड

अब वैकल्पिक मार्ग करेंगे चारधाम यात्रा आसान, भूस्खलन से न हों परेशान, साइन बोर्ड लगाए

Renuka Sahu
4 July 2022 4:15 AM GMT
Now alternative routes will make Chardham Yatra easier, dont be disturbed by landslides, put up sign boards
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फाइल फोटो 

चारधाम यात्रा मार्ग पर इस बार 24 भूस्खलन क्षेत्र चिह्नित किए गए हैं जहां अक्सर चट्टानें टूटने से रास्ते बंद हो जाते हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चारधाम यात्रा मार्ग पर इस बार 24 भूस्खलन क्षेत्र चिह्नित किए गए हैं जहां अक्सर चट्टानें टूटने से रास्ते बंद हो जाते हैं। बावजूद इसके यात्रा न रुके इसके लिए वैकल्पिक मार्ग भी हैं। लोक निर्माण विभाग ने भूस्खलन क्षेत्र और वैकल्पिक मार्गों की सूची जारी की है।

यमुनोत्री-गंगोत्री की तरफ जाने वाले यात्री हर्बटपुर-बड़कोट राष्ट्रीय राजमार्ग के बंद होने की स्थिति में बाड़वाला जुड्डो, देहरादून- मसूरी- यमुनापुल मार्ग, लखवाड़- लखस्यार- नैनबाग मोटर मार्ग, नौगांव- पौटी- राजगड़ी से राजस्तर मोटर मार्ग का इस्तेमाल किया जा सकता है।
धरासू-बड़कोट राष्ट्रीय राजमार्ग के बंद होने की स्थिति में नौगांव- पौटी- राजगड़ी से राजस्तर मोटर मार्ग का प्रयोग किया जा सकता है। बदरी-केदार की तरफ जोन वाले ऋषिकेश-रुद्रप्रयाग राष्ट्रीय राजमार्ग के बंद होने की स्थिति में ऋषिकेश- खाड़ी- गजा- देवप्रयाग मोटर मार्ग का इस्तेमाल किया जा सकता है।
कीर्तिनगर- चौरास- फरासू मोटर मार्ग, डुगरीपंथ- छातीखाल- खांकरा मोटर मार्ग भी विकल्प हो सकता है। केदारनाथ जाने के लिए रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग के बंद होने की स्थिति में मलेथा- घनसाली- चिरबटिया- तिलवाड़ा मोटर मार्ग, तिलवाड़ा- मयाली- गुप्तकाशी मोटर मार्ग का इस्तेमाल किया जा सकता है।
भूस्खलन क्षेत्र
एनएच 123 : बोसान, डैम टाम, सुमन क्यारी, और किसान गांव
एनएच 94 : धरासू, छटांग, पालीगाड़, सिलाई बैंड
एनएच 58 : नीर गड्डू, साकनीधार, देवप्रयाग, कीर्तिनगर, सिरोहबगड़
एनएच 109 : तिलवाड़ा, विजयनगर, कुंड, नारायण कोटी, खाट और सोनप्रयाग
एनएच 121 : शंकरपुर और पैठाणी।
एनएच 87 : जैरासी, आदिबदरी और गडोली
आमतौर पर बारिश के दिनों में लोगों को यात्रा टालने की सलाह दी जाती है। स्थानीय लोगों को वैकल्पिक मार्गों के बारे में जानकारी होती है, लेकिन अन्य प्रांतों से आने वाले लोग अकर भटक जाते हैं, उनकी सुविधा के लिए यात्रा मार्गों पर वैकल्पिक मार्गों के रूट के बोर्ड लगा दिए गए हैं। अन्य माध्यमों से भी इन मार्गों की जानकारी दी जा रही है।
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