उत्तराखंड

हिमाचल में एक बार भी नहीं, देश में इस साल सबसे ज्यादा उत्तराखंड में चली हीट वेव

Admin4
2 Aug 2022 9:20 AM GMT
हिमाचल में एक बार भी नहीं, देश में इस साल सबसे ज्यादा उत्तराखंड में चली हीट वेव
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न्यूज़क्रेडिट; अमरउजाला

वर्ष 2021 में देश में मात्र 36 लू वाले दिन रिकार्ड किए गए थे, जबकि इस वर्ष यह आंकड़ा पांच गुना अधिक (203) रिकार्ड किया गया है।

उत्तराखंड अपनी खास तरह की आबोहवा के लिए जाना जाता है, लेकिन जलवायु परिवर्तन से यहां मौसम का मिजाज बदलने लगा है। इस वर्ष देशभर में सबसे ज्यादा लू इसी प्रदेश में चली। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों में देशभर में रिकार्ड की किए गए 203 हीट वेव (लू ) वाले दिनों में से 28 अकेले उत्तराखंड में रहे।

बीते दिनों लोकसभा में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के सवाल के जवाब में केंद्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि वर्ष 2021 में देश में मात्र 36 लू वाले दिन रिकार्ड किए गए थे, जबकि इस वर्ष यह आंकड़ा पांच गुना अधिक (203) रिकार्ड किया गया है।

उत्तरखंड में 2020 में मात्र सात लू वाले दिन रिकार्ड किए गए थे। इससे पहले वर्ष 2012 में भी उत्तराखंड में सबसे अधिक 27 हीट वेव रिकार्ड की गई थीं। इस वर्ष अन्य राज्यों की अगर बात करें तो उत्तराखंड (28) के बाद दूसरा नंबर राजस्थान (26), तीसरे पर पंजाब और हरियाणा (24 ), चौथे नंबर पर झारखंड (18), जबकि 17 हीट वेव के साथ दिल्ली पांचवें स्थान पर रहा।

हिमाचल में एक भी हीट वेव नहीं

आईएमडी के आंकडों के अनुसार, असम और हिमाचल प्रदेश ने वर्ष 2011 के बाद से एक भी हीट वेव दर्ज नहीं की गई है।

कैसे दर्ज की जाती है हीट वेव

गुणात्मक रूप से हीट वेव हवा के तापमान की एक स्थिति है, जो मानव शरीर के लिए घातक हो जाती है। इसे एक क्षेत्र में तापमान सीमा के आधार पर परिभाषित किया जाता है। हीट वेव के लिए अधिकतम तापमान मैदानी क्षेत्रों के लिए कम से कम 40 डिग्री सेंटीग्रेट और पहाड़ी क्षेत्रों के लिए कम से कम 30 डिग्री सेंटीग्रेट का पैमाना तय किया जाता है।

बीते 12 सालों में उत्तराखंड में दर्ज की गई हीट वेव

2011 - 00

2012 - 27

2013- 02

2014- 03

2015- 02

2016- 09

2017- 04

2018-05

2019- 13

2020-00

2021-07

2022-28

गर्मियों में लगातार कई दिनों तक बारिश नहीं होने के कारण हीट वेव की स्थिति बनती है। उत्तराखंड में इस वर्ष 15 मार्च से 15 अप्रैल के बीच लगभग पूरा सूखा निकल गया। इस दौरान चार से सात डिग्री सेंटीग्रेट अधिक तापमान दर्ज किया गया। राज्य में पश्चिमी विक्षोभ का असर कम रहा। यही कुछ कारण रहे कि इस वर्ष इतनी अधिक संख्या में हीटवेव दर्ज किए गए।


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