देवभूमि उत्तराखंड में उद्योग लगाने पर अब ब्याज में सब्सिडी नहीं
ऋषिकेश न्यूज़: उत्तराखंड में नई एमएसएमई नीति के तहत उद्योग लगाने पर निवेशकों को अब ब्याज पर सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा. इसके साथ ही अब उद्योग स्थापना के लिए ली जाने वाली जमीन पर स्टांप ड्यूटी की छूट के नियमों में भी बदलाव किया जा रहा है. उद्योग विभाग द्वारा तैयार की गई नई एमएसएमई नीति में यह प्रावधान किए गए हैं.
विदित है कि राज्य की 2018 में बनी एमएसएमई नीति की मियाद इस साल समाप्त हो रही है. ऐसे में अब सरकार नई एमएसएमई नीति लाने जा रही है. नई नीति का उद्योग विभाग ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है और उस पर उद्योग संगठनों व आम लोगों से 15 दिन के भीतर सुझाव मांगे गए हैं. अभी तक राज्य में निवेशकों को अलग अलग जिलों की श्रेणी के अनुसार 6 से लेकर 10 प्रतिशत तक इंटरेस्ट सब्सिडी मिलती है, लेकिन नई पॉलिसी में इसका जिक्र नहीं है. इसके साथ ही उद्योग लगाने के लिए खरीदी या लीज के तहत ली जाने वाली जमीन के लिए अब स्टांप ड्यूटी छूट के नियमों को बदलाव जा रहा है. निवेशक को जमीन लेते समय पूरी स्टांप ड्यूटी चुकानी होगी और बाद में सरकार उसे रिम्ब्रसमेंट के रूप में वापस करेगी. उद्योग विभाग द्वारा तैयार नई पॉलिसी के ड्राफ्ट से राज्य के उद्योग संगठन नाराज हो गए हैं. इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने आपात बैठक बुलाई है.
नई एमएसएमई पॉलिसी में इंटरेस्ट सब्सिडी को बंद किया जा रहा है तो कैपिटल सब्सिडी को भी सात सालों में देने की व्यवस्था है. इससे राज्य में उद्योग लगने पूरी तरह बंद हो जाएंगे. सरकार यदि राज्य में आजीविका बढ़ाने के साथ ही रोजगार, रिवर्स माइग्रेशन और स्थानीय उत्पादों पर फोकस करना चाहती है तो पहले से चल रही सुविधाओं को यथावत रखा जाए. साथ ही जीएसटी छूट, बिजली बिलों में रियायत, ट्रांसपोर्ट सब्सिडी की भी व्यवस्था की जाए.
-पंकज गुप्ता, अध्यक्ष, इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड
कैपिटल सब्सिडी भी एक साथ नहीं मिलेगी
नई पॉलिसी के ड्राफ्ट के अनुसार नई नीति के तहत उद्योग लगाने पर कैपिटल सब्सिडी एकमुश्त नहीं मिलेगी. कैपिटल सब्सिडी की राशि को सात बराबर हिस्सों में बांटकर सात सालों में दिया जाएगा. अभी तक प्रोजेक्ट स्थापना के बाद निवेशक को कैपिटल सब्सिडी एक साथ मिल जाती थी. कैपिटल सब्सिडी राज्य में 30 से 40 प्रतिशत तक है. इससे कर्ज के बोझ को कम करने में बड़ी मदद मिलती है.
राज्य की नई एमएसएमई नीति पर उद्यमियों और आम लोगों से सुझाव मांगे गए हैं. इन सुझाव और आपत्तियों का परीक्षण करने के बाद जो भी राज्य एवं जनहित में हेागा, वहीं निर्णय किया जाएगा. सरकार का प्रयास है कि राज्य में उद्योगों के विकास के लिए ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें.-चंदनराम दास, एमएसएमई एवं परिवहन मंत्री