देहरादून न्यूज़: उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षाओं के बाद मूल्यांकन की प्रक्रिया भी खत्म हो चुकी है और जल्द ही रिजल्ट भी जारी होगा. लेकिन बोर्ड परीक्षाथियों को दो विषयों में अंक सुधार का मौका देने का वादा शिक्षा विभाग भूल गया. पिछले आठ महीने से इस योजना की फाइल रामनगर विद्यालयी शिक्षा परिषद, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय और सचिवालय के बीच ही घूम रही है. यदि इस पर जल्द निर्णय नहीं होता तो वर्ष 2022-23 शैक्षिक सत्र के बोर्ड परीक्षार्थियों इस योजना के लाभ से महरूम हो सकते हैं.
यह है योजना उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं में 22 से 25 फीसदी तक छात्र फेल हो जाते हैं. जबकि सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड में यह प्रतिशत बेहद कम है. पिछले शैक्षिक सत्र में उत्तराखंड बोर्ड का हाईस्कूल का रिजल्ट 77.47 प्रतिशत और इंटर मीडिएट का रिजल्ट 78.03 प्रतिशत रहा था. इससे पहले यह प्रतिशत और भी कम रहा है. शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने पिछले साल अधिकारियों को अंक सुधार व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए थे. इसके तहत छात्रों को किन्हीं दो विषयों में दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा. इससे जहां बोर्ड रिजल्ट में सुधार आएगा और मेधावी छात्र अपने अंकों को और बेहतर बना सकेंगे.
अब तक कार्यवाही शिक्षा मंत्री के निर्देश के बाद शुरू हुई कसरत के बाद पिछले साल नवंबर-दिसंबर 2022 विद्यालयी शिक्षा परिषद ने विस्तृत प्रस्ताव बनाकर माध्यमिक शिक्षा निदेशायल भेज दिया था. निदेशायल में इस प्रस्ताव का परीक्षण करने के बाद शासन को भेज दिया गया.
सूत्रों के अनुसार बोर्ड की सिफारिश के अनुसार हाईस्कूल में किन्ही दो विषयों में छात्र परीक्षा दे सकते हैं. जबकि इंटर मीडिएट में केवल एक विषय में परीक्षा दी जा सकेगी. अब तक यह प्रस्ताव शासन में परीक्षण की प्रक्रिया में चल रही है.
यह छात्र हित की महत्वपूर्ण योजना है. इसमें विलंब नहीं होना चाहिए. मैंने अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं. आगामी कैबिनेट बैठक में इसका प्रस्ताव लाकर मंजूर कराया जाएगा. कोशिश की जा रही है कि इसे जल्द से जल्द लागू कर दिया जाए जिससे इसी सत्र से छात्र-छात्राओं को लाभ मिलने लगे.
-डॉ. धन सिंह रावत, शिक्षा मंत्री