ट्रैफिक का दबाव कम करेंगे नए उपकेंद्र, तीन बार शर्तों का उल्लंघन तो परमिट सस्पेंड होंगे
देहरादून न्यूज़: सार्वजनिक वाहनों के संचालन के लिए शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में उपकेंद्र बनेंगे. इससे शहर में सार्वजनिक वाहनों का दबाव कम होगा, साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा बढ़ेगी. इन उपकेंद्रों से वाहनों के संचालन के रूट तय किए जाएंगे. साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी रूट पर क्षमता से अधिक सार्वजनिक वाहन न चलें.
उपकेंद्रों के चिह्नीकरण के लिए संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) सचिव की अध्यक्षता समिति गठित की जा रही है. संभागीय परिवहन विभाग ने 20 जून को हुई आरटीए की बैठक के फैसले सार्वजनिक कर दिए हैं. आरटीओ प्रशासन सुनील शर्मा ने बताया कि बैठक में सार्वजनिक वाहनों के संचालन के लिए उपकेंद्र बनाने का फैसला भी हुआ. परिवहन संगठनों के साथ रूटों का सर्वेक्षण कर उपकेंद्र बनाए जाएंगे. इन केंद्रों से संचालित होने वाले अलग-अलग श्रेणी के वाहनों की संख्या तय जाएगी.
अभी गिनती के हैं उपकेंद्र अभी सार्वजनिक वाहनों के संचालन का मुख्य केंद्र परेड ग्राउंड है. जबकि प्रेमनगर, कौलागढ़ और गढ़ी कैंट रूट का मुख्य केंद्र घंटाघर है. जबकि उप केंद्रों की संख्या सीमित है. अब नए उपकेंद्र बनाकर घंटाघर और परेड ग्राउंड से सार्वजनिक वाहनों का दबाव कम किया जाएगा.
सिटी बसों की संख्या तय झाझरा-सुद्धोवाला-प्रेमनगर-घंटाघर-सर्वेचौक-लाडपुर-रायपुर रूट पर सिटी बसों की संख्या तय की जाएगी. साथ ही प्रेमनगर-परवल रूट की बसों की निगरानी जीपीएस से माध्यम से की जाएगी. ऐसे वाहन जो पूरे रूट पर नहीं चल रहे हैं, उनके खिलाफ धारा 86 के तहत कार्रवाई की जाएगी.