प्लास्टिक सर्जन के इस्तीफे के बाद डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल में आई नई समस्या
देवभूमि हल्द्वानी न्यूज़: डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल में प्लास्टिक सर्जन के इस्तीफे के बाद आग से झुलसे मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। अस्पताल में प्लास्टिक सर्जरी के नए मरीज भर्ती नहीं किए जा रहे हैं। वहीं, चिकित्सक के न होने से पहले से भर्ती मरीजों का इलाज भी प्रभावित हो रहा है। राजकीय मेडिकल कॉलेज के अधीन सुशीला तिवारी अस्पताल में एकमात्र प्लास्टिक सर्जन डॉ. हिमांशु सक्सेना तैनात थे, जिन्होंने बीते दिन नौकरी छोड़ दी। वह करीब 10 वर्षों तक अस्पताल में अस्थाई तौर पर कार्यरत रहे। एसटीएच में प्लास्टिक सर्जन की ओपीडी में प्रतिदिन 30 से 35 मरीज इलाज के लिए आते थे।
लेकिन डॉ. सक्सेना के जाने के बाद मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल प्रशासन ने प्लास्टिक सर्जरी से जुड़े नए मरीजों को भर्ती करना बंद कर दिया है। जबकि बर्न यूनिट में पहले से भर्ती मरीजों को सर्जरी विभाग के चिकित्सकों के हवाले कर दिया गया है। अगर किसी भर्ती मरीज की अचानक हालत गंभीर हो गई तो अस्पताल में इसके लिए कोई व्यवस्था नहीं है। बताया जाता है कि चिकित्सक के जाने के बाद कई भर्ती मरीज इलाज अधूरा छोड़कर जा रहे हैं। इधर, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि प्लास्टिक सर्जन की नियुक्ति के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।