होम्योपैथी के क्षेत्र में शोध को और बढ़ाने की जरूरत: मुख्यमंत्री धामी
हरिद्वार: मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि शरीर को स्वस्थ रखना आज की सबसे बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा कि लाइफ स्टाइल में हुए बदलाव ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए चुनौती बढ़ा दी है. इसके लिए होम्योपैथी और आयुष जैसे किफायती चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में रिसर्च बढ़ाकर इसे और कारगर बनाए जाने की जरूरत है.
दून विवि में होम्योपैथी की चुनौती और विकास को लेकर आयोजित सेमिनार का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आज के समय में निरोगी काया सबसे बड़ा सुख और धन है. उन्होंने कहा कि सरकार देवभूमि में आयुर्वेद को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है. मुख्यमंत्री ने होम्योपैथी पर बनी डॉक्यूमेंट्री को लांच किया और होम्योपैथी के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले डॉक्टरों को सम्मानित भी किया. इस मौके पर सचिव आयुष डॉ. पंकज पांडेय, रजिस्ट्रार होम्योपैथी डॉ.शैलेंद्र पांडेय आदि मौजूद रहे.
जब कहीं इलाज नहीं मिलता तो होम्योपैथी की याद आती है कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा उत्तराखंड आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा की भूमि है. जब कहीं इलाज नहीं मिलता तो होम्योपैथी ही याद आती है.
यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट 30 जून तक तैयार होगा
मुख्यमंत्री ने दून विवि की कुलपति प्रो सुरेखा डंगवाल की सराहना करते हुए कहा कि कॉमन सिविल कोड ड्राफ्ट अंतिम चरण में है और 30 जून तक ड्राफ्ट तैयार हो जाएगा. उन्होंने कहा कि सुरेखा डंगवाल इसके लिए बहुत मेहनत कर रही हैं. विधानसभा चुनाव में जाने से पहले हमने यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने का निर्णय लिया था और राज्य की जनता से इस फैसले पर मुहर लगाई.