उत्तराखंड

राष्ट्रीय स्मारक नहीं बन सका नैनीताल का गांधी मंदिर,जानिए क्या है खासियत

Renuka Sahu
8 Aug 2022 6:21 AM GMT
Nainitals Gandhi temple could not become a national monument, know what is the specialty
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फाइल फोटो 

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी 1929 को नैनीताल होते हुए कुमाऊं की अपनी पहली यात्रा पर आए थे।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी 1929 को नैनीताल होते हुए कुमाऊं की अपनी पहली यात्रा पर आए थे। उसी समय गांधी जी ने नैनीताल के निकट ताकुला गांव में एक आश्रम की नींव रखी थी। आजादी के आंदोलन के दौरान गांधी जी के दोनों कुमाऊं प्रवास के बीच यही आश्रम उनका ठिकाना बना। इसी आश्रम में आकर नैनीताल व ताकुला गांव के आसपास की कई महिलाओं ने गांधी जी को आजादी के आंदोलन में हिस्सेदारी के लिए अपने जेवर दान किए थे।

देश की आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं पर आज तक इस गांधी आश्रम को स्मारक का दर्जा देने की स्थानीय लोगों की मांग पूरी नहीं हो पाई है। सामाजिक कार्यकर्ता राजीव लोचन साह ने बताया कि हम पिछले 50 सालों से इस गांधी आश्रम को स्मारक घोषित करने की मांग कर रहे हैं। इसके बारे में बाहरी लोगों को भी काफी कम जानकारी है।
गांधी सभा स्थल : पालिका के पास नहीं बजट
अल्मोड़ा जिले में गांधी सभा स्थल लक्ष्मेश्वर प्रमुख स्मारक है। 20 जून 1929 को महात्मा गांधी ने यहां जनसभा को संबोधित किया था। लेकिन रखरखाव को कोई बजट तय नहीं है। पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने बताया कि पालिका अपने संसाधनों से रखरखाव करती है।
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