उत्तराखंड

Nainital: लिव-इन रिलेशनशिप से जुड़े यूसीसी के प्रावधानों को नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी गई

Admindelhi1
13 Feb 2025 6:25 AM GMT
Nainital: लिव-इन रिलेशनशिप से जुड़े यूसीसी के प्रावधानों को नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी गई
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"अदालत ने राज्य सरकार को जवाब देने के लिए 6 सप्ताह का समय दिया"

नैनीताल: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) में 'लिव-इन रिलेशनशिप' के मुद्दे पर बुधवार को नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने राज्य सरकार को जवाब देने के लिए 6 सप्ताह का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई 6 महीने बाद होगी। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने याचिकाओं में लगाए गए आरोपों पर राज्य सरकार से जवाब मांगा। आपको बता दें कि लिव-इन रिलेशनशिप से जुड़े यूसीसी के प्रावधानों को नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्रन और न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की।

इस मामले में भीमताल निवासी सुरेश सिंह नेगी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने जनहित याचिका दायर कर समान नागरिक संहिता के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती दी है। विशेष रूप से, लिव-इन रिलेशनशिप के संबंध में यूसीसी में किए गए प्रावधानों पर सवाल उठाए गए हैं। याचिका में कहा गया है कि पारसी, मुस्लिम आदि धर्मों की वैवाहिक प्रणाली की अनदेखी की गई है। इसके अलावा देहरादून निवासी इल्मासुद्दीन सिद्दीकी ने भी यूसीसी के कई प्रावधानों को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

यह भी पढ़ें: राजनीति के लिए नौकरी छोड़ने वाले को मायावती ने बीएसपी से निकाला: सिद्दीकी ने आरोप लगाया है कि यूसीसी में अल्पसंख्यक समुदाय की उपेक्षा की गई है। याचिकाकर्ता सुरेश सिंह नेगी ने लिव-इन रिलेशनशिप को असंवैधानिक बताया है। याचिका में कहा गया है कि लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले लड़के और लड़की की विवाह योग्य आयु 18 वर्ष निर्धारित की गई है। वहीं, कानूनी विवाह के लिए लड़के की उम्र 21 वर्ष और लड़की की उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए। सवाल उठाया गया है कि क्या इनसे पैदा हुए बच्चे वैध माने जाएंगे? याचिका में तलाक का जिक्र है। इसके अनुसार, सामान्य विवाह में व्यक्ति को तलाक लेने के लिए पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है।

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