नैनीताल न्यूज़: हरिद्वार की करीब चार लाख की आबादी को तीन दशक बाद जलभराव की समस्या से निजात मिलने की उम्मीद जगी है. कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल की मास्टर ड्रेनेज प्लान की विधानसभा में घोषणा के बाद धर्मनगरी के लोगों में खुशी की लहर है. बरसात के दौरान हरिद्वार में जलभराव के कारण जहां लोगों को परेशानियां उठानी पड़ती है, वहीं व्यापारियों को भी बड़ा नुकसान झेलना पड़ता है.
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा में बताया कि देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की, हल्द्वानी, भगवानपुर और अल्मोड़ा का मास्टर ड्रेनेज प्लान तैयार करने की कार्रवाई विभिन्न चरणों में गतिमान है. वित्त मंत्री की घोषणा के बाद हरिद्वार के व्यापारी अश्वनी गोयल, विपिन गुप्ता, नासिर हुसैन, कमल शर्मा आदि का कहना है कि जलभराव के दौरान लोगों की दुकानों और मकानों में बरसात का पानी घुस जाता है इस कारण हर साल व्यापारियों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ता है. ड्रेनेज प्लान बनने के बाद निश्चित तौर पर हरिद्वार में जलभराव की समस्या से निजात मिलेगी.
हरिद्वार में इन स्थानों पर होता है जलभराव
चंद्राचार्य चौक, भगत सिंह चौक, नया हरिद्वार, उत्तरी हरिद्वार, बड़ा बाजार, सब्जी मंडी, लाटोवाली, ज्वालपुर रोड, सतीघाट, रविदास बस्ती, कटहरा बाजार, पीठ बाजार, चौक बाजार, पुरानी सब्जी मंडी, नीलखुदना, कोटरावान, चौहनान, रेलवे अंडर ब्रिज आदि क्षेत्र में जलभराव होता है.
तीन दशकों से नहीं निकला था समाधान
बारिश के दौरान हरिद्वार, कनखल और उपनगरी ज्वालापुर में जलभराव की समस्या बनी रहती है. तीन दशकों से समस्या का कोई समाधान नहीं निकला है. हरिद्वार में निकासी के नाम पर अन्य संसाधनों पर करोड़ो रुपये खर्च किए गए. लेकिन नालों की क्षमता नहीं बढ़ाई गई. पानी की निकासी के नाम पर पंप खरीदे गए और गड्ढे खोदे गए और तीन जगह पानी की निकासी के लिए पम्पिंग स्टेशन स्थापित किए गए हैं.