उत्तराखंड
घोड़े पर सवार होकर आएंगी मां, जाने कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
Tara Tandi
9 April 2024 5:18 AM GMT
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देहरादून : आज से नवरात्र की शुरुआत होगी। शुभ मुहूर्त में घरों और मंदिरों में कलश स्थापना होगी। चार घंटे का मुहूर्त रहेगा। भक्तों ने मंदिरों के साथ घरों में विशेष तैयारी कर मां के दरबार को भव्य रूप से सजाया है। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होगी। इस बार मां घोड़े पर सवार होकर आ रही है।
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 8 अप्रैल को रात 11:50 बजे शुरू होगी। मंगलवार को पहला नवरात्र होगा। सुबह 6:12 बजे से 10:23 बजे तक कलश स्थापना का मुहूर्त रहेगा। नवरात्र में नौ दिन आदिशक्ति मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की उपासना की जाएगी।
वहीं नवरात्र के लिए सोमवार को राजधानी दून के मंदिरों में तैयारियों को पूरा कर लिया गया। मंदिरों और घरों में शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना की जाएगी। मंदिरों में भव्य सजावट की गई है। शहर के मां डाट काली मंदिर, मां कालिका मंदिर सहित दून के मंदिरों में भक्त पहुंचेंगे।
कलश स्थापना मुहूर्त
- सुबह 6:12 बजे से 10:23
- अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:03 बजे से 12:53 बजे तक
घोड़े पर सवार होकर आ रही मां
नवरात्र में इस बार मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रही है। मान्यता है कि नवरात्र जिस दिन से शुरू होती है उसके आधार पर ही माता की सवारी तय होती है। यदि रविवार और सोमवार को नवरात्र की शुरुआत हो तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती है। मंगलवार और शनिवार को मां घोड़े पर सवार होकर आती है। बृहस्पतिवार और शुक्रवार को मां डोली पर सवार होकर आती है। बुधवार को मां नाव पर सवार होकर आती है।
नौ स्वरूपों की पूजा की विधि और भोग अलग-अलग
नवरात्र में आदिशक्ति मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की विधि और भोग अलग-अलग प्रकार के होते है। मां के स्वरूपों के अनुरूप ही माता को भोग लगाया जाता है। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। माता शैलपुत्री को सफेद रंग काफी प्रिय है। इसलिए उन्हें गाय की घी से तैयार भोग लगाना शुभ माना जाता है। मां शैलपुत्री की पूजा के बाद भोग में गाय के घी से बना हलवा, रबड़ी या मावा के लड्डू का भोग लगा सकते है।
9 अप्रैल- मां शैलपुत्री की पूजा
10 अप्रैल- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
11 अप्रैल- मां चंद्रघंटा की पूजा
12 अप्रैल- मां कुष्मांडा की पूजा
13 अप्रैल- मां स्कंदमाता की पूजा
14 अप्रैल- मां कात्यायनी की पूजा
15 अप्रैल- मां कालरात्रि की पूजा
16 अप्रैल- मां महागौरी की पूजा
17 अप्रैल- मां सिद्धिदात्री की पूजा
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Tara Tandi
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