उत्तराखंड

उत्तराखंड में मॉनसून की बौछार जारी, साल 2021 में रामनगर के चुकुम गांव में मची थी तबाही, इस बार है खास तैयारी

Gulabi Jagat
5 July 2022 6:22 AM GMT
उत्तराखंड में मॉनसून की बौछार जारी, साल 2021 में रामनगर के चुकुम गांव में मची थी तबाही, इस बार है खास तैयारी
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मॉनसून की बौछार जारी
खटीमा/रामनगरः उत्तराखंड में मॉनसून की बौछार जारी है. जिसे लेकर शासन प्रशासन अलर्ट मोड पर है. इसी कड़ी में नानकमत्ता विधायक गोपाल सिंह राणा ने जलभराव वाले क्षेत्रों का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने एसडीएम को ग्रामीण क्षेत्रों में जल जलभराव के निस्तारण करने के निर्देश दिए. उधर, रामनगर में बीते साल यानी नवंबर 2021 में चुकुम व सुंदरखाल क्षेत्र में बारिश ने तबाही मचाई थी. ऐसे में मॉनसून सीजन के मद्देनजर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है.
दरअसल, नानकमत्ता विधायक गोपाल सिंह राणा (Nanakmatta MLA Gopal Singh Rana) ने नानकमत्ता विधानसभा की मुडेली, चांदा, चारुबेटा समेत अन्य ग्राम सभाओं का निरीक्षण किया. यहां पर बरसात में जलभराव की समस्या देखने को मिलती है. विधायक राणा ने मुंडेली गांव में सड़क पर जलभराव की समस्या के निस्तारण के लिए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से फोन पर वार्ता भी की. साथ ही उन्हें रेलवे विभाग के अधिकारियों से सामंजस्य बिठाकर जलभराव की समस्या जल्द निस्तारण करने के निर्देश दिए. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव न हो इसके लिए उचित व्यवस्था करने को कहा.
रामनगर में बारिश को लेकर अलर्ट मोड पर प्रशासन, चुकुम में मची थी तबाहीः रामनगर में बीते साल नवंबर महीने में आई बाढ़ ने तबाही मचाई थी. जिसमें रामनगर के गर्जिया क्षेत्र में पड़ने वाले सुंदरखाल गांव में बारिश से हाहाकर मची थी. साथ ही मोहान क्षेत्र में चुकुम गांव काफी नुकसान हुआ था. लिहाजा, बीते साल की आपदा से सबक लेते हुए प्रशासन ने अपनी तैयारियां कर ली है. यहां कंट्रोल रूम बनाने के साथ ही जानमाल के नुकसान को कम करने के लिए पुख्ता बंदोबस्त किए जा रहे हैं. ताकि बाढ़ या भूस्खलन की स्थिति में योजनाबद्ध तरीके से निपटा जा सके.
रामनगर एसडीएम गौरव चटवाल (Ramnagar SDM Gaurav Chatwal) ने बताया कि बरसात के मद्देनजर आपदा कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. जिसमें 24 घंटे कर्मचारियों को तैनात किया गया है. रामनगर क्षेत्र में 2 गांव ऐसे हैं, जो हमेशा बरसात के दौरान प्रभावित रहते हैं. जिसमें चुकुम और सुंदरखाल गांव है. उन्होंने कहा कि चुकुम गांव के बीच में नदी है, ऐसे में वहां जाने के लिए कोई ठोस रास्ता नहीं है. लिहाजा, गांव में 4 माह का राशन उपलब्ध करा दिया गया है.
उन्होंने कहा कि चुकुम गांव को जाने वाले वैकल्पिक रास्ते को दुरुस्त करवाने के लिए वनाधिकारियों को निर्देशित किया गया है. बाढ़ की स्थिति पैदा होने पर ग्रामीणों को रामनगर के सांवलदे में स्थित कन्वेंशन सेंटर में अस्थायी रूप से शिफ्ट किया जाएगा. साथ ही सुंदरखाल क्षेत्र में भी चौकियों को निर्देशित किया है कि अगर बाढ़ की संभावना पैदा हो तो तुरंत ही ग्रामीणों को दूसरी जगह शिफ्ट करने की कार्रवाई की जाए.
रामनगर तहसील में कंट्रोल रूम स्थापितः रामनगर तहसील कार्यालय में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया. जिसका हेल्पलाइन नंबर 05947-251349 है. यहां 24 घंटे खुली रहेगी. उन्होंने बताया कि रामनगर में 137 राजस्व गांव हैं, जिनमें से 12 संवेदनशील बरसाती नालों को चिन्हित किया गया है. साथ ही छोई, मोहान, देवीपुरा ढेला, गौजानि, सिमलखलिया, क्यारी में बाढ़ नियंत्रण चौकियां बनाई गई है. उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों के नजदीक पांच डाक बंगले लिए गए हैं, ताकि समय रहते लोगों को सुविधा दी जा सके.
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